Gujarat News: गुजरात के मोरबी में रविवार शाम एक पुल टूटने के मामले में पुलिस ने नौ लोगों को हिरासत में लिया है. इस हादसे में 140 से अधिक लोगों के मरने की आशंका जताई जा रही है. वहीं सौ से अधिक लोग घायल हुए हैं. मोरबी में सस्पेंशन ब्रिज गिरने की शिकायत के बाद पुलिस हरकत में आई है. पुलिस ने इस मामले में नौ लोगों को हिरासत में लिया है. हिरासत में लिए गए लोगों में पुल के प्रबंधक और रखरखाव पर्यवेक्षक शामिल हैं. इसके अलावा पुलिस पुल के प्रबंधन से जुड़े तमाम लोगों से पूछताछ कर रही है. 


हादसे की जांच के लिए एसआईटी गठित


मोरबी हादसे के बाद प्रशासन ने जूल ब्रिज प्रबंधन के प्रबंधक, रखरखाव टीम के प्रबंधक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304, 308, 114 के तहत अपराध दर्ज कराया है. पुलिस में की हुई शिकायत में कहा गया है कि पुल का उचित रखरखाव नहीं किया गया था. वहीं सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए आईजी की अध्यक्षता में एक पांच सदस्सीय एसआईटी का गठन किया है.


3 दिन पहले मरम्मद के बाद जनता के लिए खोला गया था पुल


बता दें  कि गुजरात के मोरबी में रविवार शाम मच्छु नदी पर बना झूलता पुल टूट गया था, हादसे के वक्त पुल पर 500 लोग मौजूद थे. पुल टूटने के बाद सभी लोग नदी में गिर गए, जिसमें से अब तक 140 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. मेन्टेनेंस के बाद पुल को 3 दिन पहले ही आम जन के लिए खोला गया था.  हादसे के दौरान लोग पुल के ऊपर छठ पूजा के लिए मौजूद थे. अब सवाल यह उठता है कि पुल की मरम्मत करने वाले ठेकेदार ने बिना जांच परख के किसके दबाव में पुल को खोला?


वहीं इस पुल के गिरने को लेकर गुजरात चुनाव से पहले राजनीति भी शुरू हो गई है. विपक्षी दल बीजेपी को इस हादसे का जिम्मेदार बता रहे हैं. आम आदमी पार्टी ने पुल की मेंटेनेंस में बीजेपी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. गौरतलब है कि हादसे में जान गंवाने वालों में से प्रत्येक के परिजन को पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपए और घायलों के लिए 50 हजार रुपए देने की घोषणा की है. वहीं मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक मृतक के परिवार को 4 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए देने का ऐलान किया है.


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