Rahul Gandhi Gujarat visit: गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल की पार्टी नेतृत्व के साथ बढ़ती दरार को एक और मजबूत संकेत के रूप में देखा जा रहा है. खबरों की मानें तो मंगलवार को गुजरात दौरे पर गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फायरब्रांड पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के साथ आमने-सामने की बैठक से परहेज किया. राहुल गांधी ने दाहोद में रैली के दौरान हार्दिक पटेल के साझ मंच तो साझा किया लेकिन निजी मुलाकात से परहेज करते दिखे. हार्दिक पटेल द्वारा पिछले कुछ हफ्तों में कई मौकों पर राज्य कांग्रेस नेतृत्व की खुले तौर पर आलोचना को इसकी प्रमुख वजह माना जा रहा है.
हार्दिक के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज
हालांकि, हार्दिक पटेल ने इस घटना को ज्यादा बड़ा मुद्दा न मानते हुए कहा कि राहुल गांधी का केवल रैली को संबोधित करने और मंगलवार को आदिवासी विधायकों और नेताओं से मिलने का कार्यक्रम था. बता दें कि हार्दिक पटेल के पिछले कुछ हफ्तों के कांग्रेस विरोधी बयानों को लेकर आगामी विधानसभा चुनावों से पहले उनके बीजेपी में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं. इस बात को तब और अधिक मजबूती मिली जब राज्य सरकार को हार्दिक पटेल के खिलाफ पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान दायर मामलों को वापस लेने के लिए अदालतों में सक्रिय रूप से आवेदन करते देखा गया. मालूम हो कि गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं.
हार्दिक की गतिविधियों पर कांग्रेस की पैनी नजर
जब हार्दिक से पूछा गया कि राहुल ने उनसे मुलाकात क्यों नहीं की, तो उन्होंने कहा कि राहुल और उनके बीच मंगलवार को व्यक्तिगत मुलाकात का कार्यक्रम नहीं था. उन्होंने कहा कि मैं उनसे थोड़ी देर के लिए मिला और जनसभा के बाद जाने की अनुमति ले ली. पटने ने कहा कि मुझे हफ्तेभर के अंदर उनसे मिलने के लिए दिल्ली जाना है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने हार्दिक पटेल को कम उम्र में एक महत्वपूर्ण पद और समर्थन दिया था, लेकिन वह पार्टी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं. कांग्रेस कुछ समय तक उनके व्यवहार पर नजर रखेगी और फिर कार्रवाई का फैसला लेगी.राज्य के खुफिया विभाग के प्रमुख सूत्रों ने कहा कि राहुल हार्दिक पटेल सहित राज्य के सभी कांग्रेस नेताओं से व्यक्तिगत मुलाकात से बचते थे, लेकिन ऐसा लगता है कि हार्दिक पटेल ने भाजपा के लिए एक सॉफ्ट कॉर्नर विकसित कर लिया है. वहीं गुजरात की बीजेपी यूनिट ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.
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