Gujarat News: बीजेपी नेता राजेंद्र सिंह राणा ने केंद्रीय मंत्री व राजकोट लोकसभा सीट के उम्मीदवार परषोत्तम रूपाला के क्षत्रिय समुदाय को लेकर दिए गए बयान की निंदा की है. भावनगर में राजपूत व क्षत्रिय समुदाय की एक सभा में बोलते हुए राजेंद्रसिंह राणा ने कहा कि परषोत्तम रूपाला ने इस तथ्य के बावजूद भी टिप्पणी की है कि रियासतों के तत्कालीन शासकों ने देश की संस्कृति और परंपराओं को बचाने के लिए कई बलिदान दिए.
बीजेपी नेता राजेंद्र सिंह राणा ने आगे कहा कि मैं परषोत्तम रूपाला को पिछले 25 वर्षों से जानता हूं क्योंकि हम दोनों एक ही पार्टी से हैं. रूपाला ने ऐतिहासिक घटनाओं की पृष्ठभूमि में दूसरे समुदाय (राजपूतों) को नीचा दिखाकर एक समुदाय (दलितों) की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, ''इस तरह की टिप्पणियों से हमारे समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं और लोग नाराज भी हैं. राणा ने कहा, ''राजपूत प्राचीन काल से देश की संस्कृति और परंपराओं की रक्षा करते रहे हैं और हम भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेंगे. लेकिन मुझे रूपाला की टिप्पणी से दुख और आश्चर्य हुआ है. मैं सोच रहा था कि वह ऐसी बातें कैसे कह सकते है.
‘राजपूतों का इतिहास बलिदानों से भरा हैं’
राजेंद्र सिंह राणा ने कहा कि राजपूतों का इतिहास बलिदानों से भरा है. हमने अपने शासन काल में समाज से कुछ लेने के बजाय सिर्फ दिया ही है. इसके बावजूद रूपाला ने हमारी मातृशक्ति (महिलाओं) के बारे में टिप्पणी की. इसीलिए हमने आंदोलन का यह रास्ता अपनाया है. भावनगर के पूर्व सांसद ने कहा कि वह सभा में इसलिए शामिल हो रहे हैं क्योंकि वह राजपूत समुदाय का एक अविभाज्य हिस्सा हैं और हर कोई समन्वय समिति के फैसले को स्वीकार करेगा जो समाधान खोजने के लिए बुधवार को अहमदाबाद में बीजेपी नेताओं से मुलाकात करेगी.
क्या बोले थे परषोत्तम रूपाला?
22 मार्च को राजकोट में एक सभा में परषोत्तम रूपाला ने कहा कि तत्कालीन महाराजाओं ने विदेशी शासकों के साथ-साथ अंग्रेजों के उत्पीड़न के सामने घुटने टेक दिए. रूपाला ने आगे कहा कि इन महाराजाओं ने उनके साथ रोटी तोड़ी और बेटियों की शादी भी उनसे की. गुजरात में क्षत्रिय समुदाय के लोगों ने रूपाला की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई है. इसके बाद रूपाला ने माफी भी मांगी, लेकिन कई राजपूत नेताओं ने इसे खारिज कर दिया और बीजेपी से उन्होंने उम्मीदवार बदलने या राजपूत मतदाताओं के गुस्से का सामना करने के लिए कहा. वहीं गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल ने पार्टी के राजपूत नेताओं के साथ बैठक की. इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल भी मौजूद थे जिसमें राजपूत समाज के गुस्से को शांत करने के लिए रास्ता खोजने के लिए कहा गया.
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