Rajkot Game Zone Fire: राजकोट गेम जोन अग्निकांड में 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर, पुलिस ने कही ये बात
Rajkot News: राजकोट के टीआरपी गेम ज़ोन में लगी भीषण आग अत्यधिक ज्वलनशील सामग्री, जैसे फोम और प्लास्टिक के कारण 3-4 मिनट में फैल गई थी। आग में 27 लोगों की मौत हो गई थी.
Rajkot Game Zone Fire Incident: राजकोट स्थित टीआरपी गेम जोन में लगी भीषण आग अत्यधिक ज्वलनशील सामग्री के कारण लगी थी, जिसने पूरी इमारत को तीन-चार मिनट के भीतर अपनी चपेट में ले लिया था. क्राइम ब्रांच ने चार्ज शीट में यह बात कही है. इस साल मई के महीने में राजकोट के टीआरपी गेम जोन में लगी भीषण आग में 27 लोगों की मौत हो गई थी.
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एपी दवे की अदालत में बुधवार (24 जुलाई) को गेम जोन के सह-मालिकों और राजकोट नगर निगम (आरएमसी) के अधिकारियों सहित 15 आरोपियों के खिलाफ एक लाख से अधिक पृष्ठों का चार्जशीट दायर किया गया. इन अपराधों के लिए अधिकतम 10 वर्ष की जेल की सजा का प्रावधान है.
पुलिस उपायुक्त (क्राइम) पार्थराजसिंह गोहिल ने कहा, “365 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं. टीआरपी गेम जोन के सह-मालिकों और राजकोट नगर निगम (आरएमसी) के अधिकारियों सहित कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.”गेम जोन में 25 मई को लगी भीषण आग में बच्चों सहित 27 लोगों की मौत हो गई थी.क्राइम ब्रांच ने राजकोट न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एपी दवे की अदालत में चार्ज शीट दायर किया.
पूरे ढांचे को ले लिया अपनी चपेट में
गोहिल ने पत्रकारों से कहा, “जांच के दौरान यह बात सामने आई कि आग अत्यधिक ज्वलनशील निर्माण सामग्री जैसे फोम शीट, प्लास्टिक और लकड़ी के कारण 3-4 मिनट में फैल गई और पूरे ढांचे को अपनी चपेट में ले लिया, साथ ही उस समय वेल्डिंग का काम किया जा रहा था, जिससे चिंगारी निकल रही थी.” उन्होंने बताया कि चार्ज शीट एक लाख से अधिक पृष्ठों का है और इसमें 365 गवाहों के बयान शामिल हैं.
इल धाराओं के तहत मामला किया गया दर्ज
गोहिल ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने कहा है कि संयंत्र में शीतलन के लिए इंसुलेटर के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली फोम शीट ने आग को तेजी से फैलने में मदद की.उन्होंने हालांकि भी बताया कि कि पहले की रिपोर्ट के विपरीत घटनास्थल पर पेट्रोल या डीजल नहीं मिला.आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 337 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कार्य से चोट पहुंचाना), 338 (किसी व्यक्ति के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कार्य से उसे गंभीर चोट पहुंचाना) और 114 (अपराध के समय कोई व्यक्ति मौजूद होना) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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