राजकोट अग्निकांड केस: ACB ने गिरफ्तार अधिकारियों के खिलाफ शुरू की जांच, लिया ये बड़ा एक्शन
Rajkot Game Zone Fire Tragedy: गुजरात के राजकोट में अग्निकांड के बाद गिरफ्तार अधिकारियों के अब जांच शुरू किया गया है. ACB ने तलाशी के बाद कई दस्तावेज जब्त किए हैं.
Rajkot Gaming Zone Fire Updates: गुजरात भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शुक्रवार को 25 मई को राजकोट गेम जोन में हुए अग्निकांड के सिलसिले में हिरासत में लिए गए अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की. इस अग्निकांड में बच्चों समेत 27 लोगों की मौत हो गई थी. तलाशी के बाद उनके घरों और दफ्तरों से दस्तावेज जब्त किए गए.
राजकोट क्षेत्र के एसीबी के सहायक निदेशक केएच गोहिल ने बताया कि जांच प्रारंभिक चरण में है और अब तक की गई तलाशी में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला है. राजकोट पुलिस द्वारा गुरुवार को राजकोट के टाउन प्लानिंग ऑफिसर (टीपीओ) एमडी सागथिया, सहायक टीपीओ मुकेश मकवाना और गौतम जोशी और कलावड रोड फायर स्टेशन के पूर्व स्टेशन ऑफिसर रोहित विगोरा को गिरफ्तार किए जाने के बाद एसीबी ने घटना की जांच शुरू की.
उन्होंने बताया कि, जोशी और विगोरा उन नौ अधिकारियों में शामिल हैं जिन्हें राज्य सरकार द्वारा आवश्यक मंजूरी के बिना गेम जोन को संचालित करने की अनुमति देने में घोर लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद निलंबित कर दिया गया था. पूरी प्रक्रिया को गुप्त रखा गया है और आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत मिलने के बाद मीडिया को सूचित किया जाएगा. हम स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कर रहे हैं. कार्यालयों और आवासीय परिसरों में तलाशी ली गई और दस्तावेज भी जब्त किए गए.
गोहिल ने कहा, मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि एसीबी दोषियों को नहीं छोड़ेगी. गुजरात उच्च न्यायालय ने सोमवार को राजकोट नगर निगम को आग के लिए फटकार लगाते हुए कहा था कि उसे राज्य मशीनरी पर भरोसा नहीं है जो निर्दोष लोगों की जान जाने के बाद ही कार्रवाई करती है. अदालत की फटकार तब आई जब आरएमसी के वकील ने दलील दी कि शहर के नाना-मावा इलाके में स्थित दुर्भाग्यपूर्ण टीआरपी गेम जोन ने नगर निकाय से अपेक्षित अनुमति नहीं ली थी.
ये भी पढ़ें: गुजरात BJP सांसद का दावा- 'फायर डिपार्टमेंट से NOC लेने के लिए 70 हजार रुपये रिश्वत दी