What is Thalassemia: गुजरात के राजकोट में थैलेसीमिया से पीड़ित एक मरीज की खून चढ़ाने के बाद मौत हो गई. उसके परिवार ने मंगलवार को यह आरोप लगाया. मरीज विधि पिठवा के परिवार के सदस्यों ने कहा, शनिवार को उसे बिना फिल्टर किया गया खून चढ़ाया गया था, उसी शाम उसे एलर्जी हुई और सोमवार को उसकी मौत हो गई. विधि के पिता जितेंद्र पिठवा ने मंगलवार को मीडियाकर्मियों को बताया कि पिछले कुछ महीनों से जब भी राजकोट के सरकारी अस्पताल में थैलेसीमिया के मरीजों का ब्लड चढ़ाया जाता है, तो उन्हें एलर्जी, या तो सर्दी, या ब्लड क्लॉट की शिकायत होती है. विधी ने पहले ठंड की शिकायत की थी.


परिजनों का ये है आरोप
पिठवा ने कहा, इस बार जब उन्होंने खून चढ़ाने के बाद उसके शरीर पर काले धब्बे देखे तो वे शाम को सरकारी अस्पताल पहुंचे. उन्होंने हमें सोनोग्राफी और अन्य रिपोर्ट लाने को कहा. डॉक्टरों ने शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया और हमें घर जाने को कहा. रविवार की शाम उसे फिर से परेशानी हुईं और उसे फिर से अस्पताल ले जाया गया, जहां सोमवार सुबह उसकी मौत हो गई. आरसीसी ब्लड चढ़ाया गया था, जो अनफिल्टर्ड है, जो गंभीर समस्याओं का कारण बनता है और मौत का भी कारण बनता है.


अस्पताल के अधीक्षक ने किया खंडन
इन सभी आरोपों का खंडन करते हुए राजकोट सरकारी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आर.एस. त्रिवेदी ने कहा कि ब्लड चढ़ाने में कोई गलती नहीं हुई है, लेकिन वह मानते हैं कि अस्पताल के पास एलआर मशीन नहीं है, जिसके लिए उन्होंने फंड की मंजूरी के लिए विभिन्न अधिकारियों से मांग की है और वह इसका इंतजार कर रहे हैं.


त्रिवेदी ने स्थानीय मीडिया के सामने यह भी स्वीकार किया कि मशीन की कीमत 40 लाख रुपये है और अस्पताल के पास यह मशीन नहीं हैष लेकिन, उन्होंने परिवार के इस आरोप का खंडन किया कि अस्पताल में थैलेसीमिया के मरीजों को बिना फिल्टर किया हुआ खून चढ़ाया गया.


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