Rajkot Fire Accident: राजकोट अग्निकांड का एक और आरोपी गिरफ्तार, शक्ति सिंह गोहिल ने सरकार पर खड़े किए सवाल
Rajkot Gaming Zone Fire: राजकोट TRP गेमिंग जोन हादसे एक आरोपी को राजस्थान के आबू रोड से गिरफ्तार किया गया है. वहीं गुजरात कांग्रेस के नेता शक्ति सिंह गोहिल ने हादसे को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.
Rajkot Gaming Zone News: गुजरात के राजकोट के टीआरपी गेमिंग जोन हादसे में फरार चल रहे एक आरोपी को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया है. गुजरात पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि आरोपी सिरोही जिले के आबूरोड शहर में छुपा हुआ है, जहां से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. पालनपुर (गुजरात) की लोकल क्राइम ब्रांच (एलसीबी) ने आबूरोड पुलिस की मदद से आरोपी को सदर बाजार की एक कपड़े की दुकान से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी धवल ठक्कर को पुलिस पहले शहर के सिटी थाने में लेकर आई जहां से उसे राजकोट लाया गया.
राजकोट टीआरपी गेमिंग जोन हादसे में 12 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हो गई थी. मामले में गुजरात पुलिस ने 7 लोगों को आरोपी बनाया है. इनमें धवल ठक्कर, अशोक सिंह जडेजा, किरीट सिंह जडेजा प्रकाशचंद हिरण, राहुल राठौड़, युवराज सिंह सोलंकी और इनका मैनेजर नितिन जैन शामिल हैं.
तीन आरोपियों युवराज, राहुल और नितिन जैन को पुलिस ने हादसे के बाद ही गिरफ्तार कर लिया था, जिन्हें सोमवार को कोर्ट में पेश कर 14 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेजा गया है. पुलिस को बाकी चार तलाश थी. पुलिस को आशंका थी कि आरोपी गुजरात से सटे राजस्थान में जा सकते हैं, इसलिए दोनों राज्यों की बॉर्डर से लगते थानों में अलर्ट जारी किया था.
टीआरपी गेमिंग जोन में कैसे लगी आग?
टीआरपी गेमिंग जोन हादसे के बाद एक वीडियो सामने आया, जिसमें साफ तौर पर देखा गया कि एक्सटेंशन एरिया में वेल्डिंग के दौरान आग लगी. आग बुझाने के लिए फायर एक्सटिंग्युशर्स भी प्रयोग किया गया लेकिन उससे भी आग नहीं बुझी. इसके बाद आग भड़कती चली गई. वहीं जांच में यह भी पता चला है कि टीआरपी गेमिंग जोन ने अग्नि संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र भी नहीं लिया गया था. मामले में पांच अलग-अलग विभाग के अधिकारियों को भी निलंबित किया गया है.
शक्ति सिंह गोहिल ने खड़े किए सवाल
वहीं मामले को लेकर कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि मैं इस दुखदायी घटना का साक्षी रहा हूं. वहां एक दर्दनाक स्थिति थी. गेम जोन में बच्चे ज्यादा थे और कोई फायर सेफ्टी नहीं थी. एंट्री और एग्जिट अलग-अलग होनी चाहिए. लेकिन, वहां एक ही दरवाजा था. वहां पेट्रोल का भी एक जत्था रखा हुआ था. बच्चे अंदर से चिल्ला रहे थे. कांग्रेस नेता ने वहां 31 लोगों की मौत होने का दावा किया. उन्होंने कहा कि अब चाहे कितना भी मुआवजा या आरोपियों को सजा दी जाए, लेकिन जिनकी जान गई वो वापस नहीं आ सकती.
शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि मैं मामले पर राजनीति नहीं कर रहा. इसके साथ ही उन्होंने मामले पर संज्ञान लेने के लिए गुजरात हाईकोर्ट का धन्यवाद किया. कांग्रेस नेता ने कहा प्रदेश की जान और माल की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है. बीजेपी के नेता, मेयर, पुलिस और अधिकारी वहां जाते थे. टीआरपी गेमिंग जोन के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी उनकी फोटो है. छोटे अधिकारी को हटा कर क्या होगा. सूरत में एजुकेशन इंस्टीट्यूट में 22 बच्चों ने अपनी जान गवाई थी. उसमे भी परिवार को न्याय नहीं मिला था. बनासकांठा में पुल शुरू होने से पहले ही गिर गया था. उसमें भी लोग मरे थे.
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