Rajkot TRP Game Zone Fire: गुजरात के राजकोट में टीआरपी गेमिंग जोन हादसे में मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. अब तक 28 लोग मौत के आगोश में समा चुके है. बता दें कि शनिवार को गेमिंग जोन में आग लगी और देखते ही देखते भयानक रूप ले लिया. आग लगते ही अफरा-तफरी मच गई. घटनास्थल के वीडियो और तस्वीरें सामने आई है वो रूह को कंपा देने वाली है. खेलते-खेलते बच्चे मौत के मुंह में समा गए. लेकिन आखिर इस हादसे का जिम्मेदार कौन है जिसकी वजह से हादसा हुआ.


गेमिंग जोन के पास नहीं थी फायर एनओसी
राजकोट गेमिंग जोन हादसे को लेकर जांच की जा रही है. बताया जा रहा है कि गेमिंग जोन के पास न ही फायर एनओसी थी और न ही सेफ्टी के उपाय. यहां तक की गेमिंग जोन के अंदर फायर एक्सटिंग्यूसर को एक कोने में प्लास्टिक में लपेटकर रखा गया था. अगर फायर एक्सटिंग्यूसर का इंस्टॉलेशन किया गया होता तो इस अग्निकांड को बढ़ने से रोका जा सकता था.


2021 में बनाए गए इस गेमिंग जोन में फायर एनओसी के लिए एप्लीकेशन तक नहीं लगाई गई थी. वहीं गेमिंग जोन के अंदर 1500 से 2000 लीटर डीजल भी रखा गया जो जनरेटर के लिए रखा गया था. इसके अलावा 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल जमा किया था तो गो कार रेसिंग लिए था. जिसकी वजह से आग फैलती चली गई और टीआरपी गेम जोन का पूरा स्ट्रक्चर खाक हो गया.


मृतकों और घायलों को मुआवजे की घोषणा
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने राजकोट गेमिंग जोन घटनास्थल का दौरा किया. इसके अलावा अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की. वहीं सरकार की तरफ से मृतकों के परिजनों को 4 लाख रूपए मुआवजा देने की घोषणा की गई है. साथ ही घायलों को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने का भी एलान किया गया है. वहीं  मेयर नयना पेढ़ाडिया ने मीडिया में बयान देते हुआ खुलासा किया कि टीआरपी गेमिंग जोन की 2 मंज़िला टिन शेड थी जिसमे आग लगी थी उसके पास फ़ायर विभाग का एनओसी भी नहीं थी.  


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