Rajya Sabha Election: गुजरात में राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, बाकि के नतीजे भी जानें
Rajya Sabha Election in Gujarat: गुजरात से जेपी नड्डा समेत जसवंत सिंह परमार, मयंक नायक, गोविंद ढोलकिया राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए हैं.
Rajya Sabha Election 2024: गुजरात में बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, पार्टी के तीन अन्य उम्मीदवार गुजरात से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गये हैं. तीन अन्य उम्मीदवारों के नाम जसवंत सिंह परमार, मयंक नायक, गोविंद ढोलकिया हैं जो निर्विरोध चुने गए हैं.
बीजेपी के सभी उम्मीदवार जीते
गुजरात में राज्यसभा की चार सीटें खाली थीं और सत्तारूढ़ बीजेपी के उम्मीदवारों ने इन सीटों पर अपना-अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. एक अधिकारी ने कहा, चूंकि गुजरात से राज्यसभा चुनाव के लिए चार रिक्त सीटों पर किसी अन्य उम्मीदवार ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया था, ऐसे में निर्वाचन अधिकारी रीता मेहता ने नड्डा सहित सभी चार बीजेपी उम्मीदवारों को संसद के उच्च सदन के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया. मंगलवार को नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख थी.
बने रहेंगे बीजेपी के अध्यक्ष
जेपी नड्डा जून 2024 तक पार्टी के अध्यक्ष बने रहेंगे. पिछले वर्ष पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नड्डा के कार्यकाल को बढ़ाने को लेकर लिए गए फैसले पर राष्ट्रीय अधिवेशन की बैठक में भी मुहर लगा दी गई. दरअसल, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी ने पिछले वर्ष ही जेपी नड्डा के कार्यकाल को जून 2024 तक बढ़ाने का फैसला किया था. पार्टी के संसदीय बोर्ड के फैसले के बाद पिछले वर्ष जनवरी 2023 में दिल्ली में हुई बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जून 2024 तक जेपी नड्डा के अध्यक्षीय कार्यकाल को बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी और पार्टी संविधान के नियमों का पालन करते हुए अब कार्यकारिणी के फैसले को राष्ट्रीय अधिवेशन ने भी अनुमोदित कर दिया है.
इसके साथ ही बैठक में पार्टी के संविधान में संशोधन करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष और संसदीय बोर्ड को और ज्यादा ताकतवर बना दिया गया है. बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल ने राष्ट्रीय अधिवेशन की बैठक के दूसरे और अंतिम दिन पार्टी संविधान के कुछ प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया. बीजेपी ने पार्टी संविधान में संशोधन करते हुए अब पार्टी के फैसले लेने वाली सर्वोच्च इकाई संसदीय बोर्ड को आपात स्थिति में पार्टी अध्यक्ष से संबंधित फैसला लेने की शक्ति दे दी है.