Gujarat: युद्ध प्रभावित यूक्रेन में फंसे कुछ छात्रों के गुजरात लौटने के बाद यूक्रेन की सीमा पर फंसे छात्रों के माता-पिता काफी चिंतित हैं. भोजन और पानी के बिना, सर्द मौसम में, कई छात्र अभी भी संघर्ष कर रहे हैं, रोमानिया सीमा पार करने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं, जहां से उन्हें निकाला जा सकता है.


बच्चों को करना पड़ रहा है कई मुश्किलों का सामना


एक अभिभावक के मुताबिक "अब 42 घंटे से अधिक समय हो गया है. मेरा बेटा वडोदरा, अहमदाबाद, राजकोट, भावनगर और सुरेंद्रनगर के अन्य छात्रों के साथ है. और  रोमानिया की सीमा पर पहुंच गया है लेकिन सीमा पर भारी भीड़ है और गेट बंद हैं,"


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उन्होंने आगे कहा कि मेरा बेटा, जो पश्चिमी के चेर्नित्सि शहर में एक हॉस्टल में रह रहा था. यूक्रेन, छात्रावास में फंस गया था, क्योंकि उसका नाम छात्रों के तीसरे दौर में निकाला गया था. वहां के अधिकारियों ने पहले लड़कियों को निकालने का फैसला किया था. छात्रों का ट्रांजिट राउंड वाइज किया जा रहा है.


सीमा पर कड़ाके की ठंड और खाने-पीने के लिए पानी की कमी


कई अभिभावकों ने वडोदरा के सांसद रंजन भट्ट से भी संपर्क किया और उनसे अपने बच्चों को जल्द से जल्द भारत लाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की. अजवा के एक अन्य अभिभावक जतिन भट्ट ने कहा कि उनका बेटा रोनिक, जो एक मेडिसिन का छात्र है, पिछले दो दिनों से कतार में अपनी बारी का इंतजार कर रहा है. उन्होंने कहा, "हम बस प्रार्थना कर रहे हैं कि उनकी बारी जल्द आए. सीमा पर पूरी तरह से अफरा-तफरी है. कड़ाके की ठंड है और खाने-पीने के लिए पानी की कमी है.


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