Gandhinagar News: गुजरात में कांग्रेस के दिग्गज नेता गोवाभाई रबारी और उनके बेटे संजय रबारी ने बीजेपी का दामन थाम लिया. बता दें कि गोवाभाई रबारी कांग्रेस में काफी समय से राजनीति कर रहे थे. जब उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़ा तब उन्होंने दूसरी पार्टी बना ली थी. बाद में बीजेपी के दो दिग्गज नेताओं के सहायता से बीजेपी में शामिल हो गए. उनकी कांग्रेस छोड़ने की वजह गुजरात में कांग्रेस का सियासी वजूद कमजोर हो जाना माना जा रहा है. गोवभाई रबारी का काफी लंबा राजनीतिक अनुभव रहा है उनका पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
इन दो नेताओं ने बनाया पार्टी बदलने का रास्ता
उत्तर गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक गोवाभाई रबारी कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए. सोमवार को गोवाभाई रबारी के साथ उनके बेटे संजय रबारी ने भी अपने समर्थकों के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया. सूत्रों की मानें तो गुजरात में कांग्रेस की बिगड़ती स्थिति, नेतृत्व की कमी और पार्टी सदस्यों के बीच आंतरिक खींचतान के कारण गोवाभाई ने पार्टी से दूरी बना ली. भाजपा के दो प्रभावशाली नेताओं-विधायकों शंकर चौधरी और बलवंत सिंह राजपूत ने गोवाभाई रबारी के बीजेपी में आने का रास्ता बनाया.
गुजरात में कांग्रेस के कमजोर होने से बदली पार्टी!
डीसा के कुचडवा गांव के रहने वाले गोवाभाई रबारी पिछले 35 सालों से सक्रिय राजनीति में हैं. सात चुनावों के दौरान, उन्होंने डीसा, दियोदर और धानेरा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा. पिछले चुनाव में उनके बेटे संजय रबारी ने भी कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर डीसा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. खास बात ये है कि गुजरात में कांग्रेस काफी कमजोर हो गई है. यहां तक कि पार्टी को विधानसभा में विपक्ष की हैसियत भी नहीं है. हालांकि, कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल को गुजरात कांग्रेस इकाई का प्रमुख बनाया गया है. लेकिन, ये आने वाला वक्त ही बताएगा कि गुजरात में कांग्रेस का सियासी वजूद कब तक पुनर्जीवित होता है.