Gujarat Assembly Speaker Shankar Chaudhary: गुजरात विधानसभा ने मंगलवार को सर्वसम्मति से बीजेपी के थराद से विधायक शंकर चौधरी को अध्यक्ष और विधायक जेठाभाई भरवाड़ को उपाध्यक्ष चुन लिया है. चौधरी को विधानसभा अध्यक्ष चुनने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रस्ताव पेश किया, जिसका संसदीय कार्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने समर्थन किया और मतदान कराया. कांग्रेस ने प्रस्ताव का समर्थन किया और उन्हें सर्वसम्मति से चुना गया.


जेठाभाई भारवाड़ बने उपाध्यक्ष
वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने जेठाभाई भारवाड़ को उपाध्यक्ष के रूप में चुनने के लिए प्रस्ताव पेश किया, इसे संसदीय मामलों के मंत्री ऋषिकेश पटेल ने अनुमोदित किया और मतदान के लिए रखा. कांग्रेस ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया. तीन निर्दलीय विधायक मावजी देसाई (धनेरा सीट), धवलसिंह जाला (बायड़) और धर्मेंद्रसिंह वाघेला (वाघोडिया) ने मंगलवार को राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मुलाकात की और उन्हें सूचित किया कि वे सत्तारूढ़ दल को समर्थन देते हैं.


कौन हैं शंकर चौधरी?
चौधरी वर्तमान में थराद सीट से बीजेपी के विधायक हैं. शंकर चौधरी 5वीं बार बीजेपी विधायक बने हैं. शंकर चौधरी को छोटी उम्र में ही नरेंद्रभाई मोदी ने सक्रिय राजनीति में ला दिया था. 1997 में युवा शंकर चौधरी तत्कालीन मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के खिलाफ राधनपुर सीट से चुनाव लड़े थे. उस समय वे आरएसएस के नगर पदाधिकारी थे. उसके बाद गुजरात बीजेपी के संगठन महामंत्री नरेंद्र मोदी ने शंकर चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा. तत्कालीन मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला से चुनाव हारने के बाद भी शंकर चौधरी वहां सक्रिय रहे. चुनाव हारने के बाद उन्हें बीजेपी युवा मोर्चा का जिला महामंत्री बनाया गया. 


शंकर चौधरी का राजनीतिक सफर
वह 1998 में राधनपुर सीट से विधायक बने, फिर वे पाटन जिला बीजेपी के अध्यक्ष बने. 2004-05 में वे बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बने. उन्हें वर्ष 2009 में प्रदेश बीजेपी महामंत्री का दायित्व मिला. साल 2014 में आनंदीबेन पटेल सरकार में स्वास्थ्य राज्य मंत्री बने. उन्होंने डेयरी के विकास में भी प्रमुख भूमिका निभाई है. वे साल 2015 में बनास डेयरी के चेयरमैन बने. अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने डेयरी की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया. बनास डेयरी राष्ट्रीय स्तर पर 6 राज्यों में फैली हुई है. उन्होंने सिर्फ 7 साल में डेयरी एसेट्स को 650 करोड़ से बढ़ाकर 2900 करोड़ कर दिया. विजय रूपानी की सरकार में मंत्री भी थे और उन्होंने बनासकांठा बाढ़ के दौरान लोगों के लिए अथक काम किया. 


गुजरात में कौन होगा कांग्रेस के विधायक दल का नेता?
एक दिवसीय सत्र में दो बैठकें होने जा रही हैं, पहली बैठक में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुने गए. दूसरे सत्र में राज्यपाल सदन को संबोधित करेंगे. कांग्रेस अपने विधायक दल के नेता का नाम बताने में विफल रही. पिछले रविवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक पर्यवेक्षक बी.के. हरिप्रसाद की उपस्थिति में हुई. 17 विधायकों में से एक को चुनने के बजाय, विधायकों ने पार्टी आलाकमान को नेता का नाम देने का अधिकार देते हुए प्रस्ताव पारित किया. आलाकमान की ओर से भी आज तक कोई नाम फाइनल नहीं हुआ है.


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