सोमनाथ मंदिर के पास अतिक्रमण के खिलाफ अभियान, 60 करोड़ की सरकारी जमीन से कब्जा हटाया, 135 लोग हिरासत में
Gir Somnath News: गिर सोमनाथ के जिला कलेक्टर डीडी जाडेजा ने बताया कि अतिक्रमण के खिलाफ अभियान के दौरान कानून एवं व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कुल 135 लोगों को हिरासत में लिया गया.
Demolition Drive Near Somnath Temple: गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में शनिवार (28 सितंबर) को सोमनाथ मंदिर के पास सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया. इस दौरान 135 लोगों को हिरासत में लिया गया. अधिकारियों ने कहा कि इस अभियान के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक प्रशासन ने कहा कि दिन के शुरुआती घंटों में शुरू हुए अभियान के दौरान धार्मिक संरचनाओं और कंक्रीट के घरों को ध्वस्त कर दिया गया. 60 करोड़ रुपये मूल्य की लगभग 15 हेक्टेयर सरकारी जमीन को मुक्त कराया गया है.
भारी संख्या पुलिस बल की तैनाती के साथ अभियान
विज्ञप्ति में कहा गया है कि 52 ट्रैक्टरों, 58 बुलडोजरों, दो हाइड्रा क्रेनों, पांच डंपरों, दो एम्बुलेंसों और तीन फायर फाइटर्स को लाया गया था. सीनियर पुलिस और जिला प्रशासन अधिकारियों के साथ 788 पुलिस कर्मियों और राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) को तैनात किया गया था. तीन एसपी, चार डीएसपी, 12 पुलिस इंस्पेक्टर, 24 सब इंस्पेक्टर और एडिशनल जिला मजिस्ट्रेट , उप-विभागीय मजिस्ट्रेट और एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट मौजूद थे.
60 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन से कब्जा हटाया
पुलिस ने कहा कि क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है और कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है. गिर सोमनाथ के जिला कलेक्टर डीडी जाडेजा ने बताया, ''कानून एवं व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कुल 135 लोगों को हिरासत में लिया गया. अतिक्रमण के खिलाफ अभियान सुबह लगभग 5 बजे शुरू हुआ और 6 घंटे से अधिक समय तक जारी रहा. मलबा हटाने का काम जारी है. 15 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटा दिया गया है, जिसकी कीमत 60 करोड़ रुपये है.''
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक कलेक्टर डीडी जाडेजा ने कहा, 'मुक्त कराई गई भूमि का एक हिस्सा श्री सोमनाथ ट्रस्ट (एसएसटी) का था, जो सोमनाथ मंदिर का प्रबंधन करता है, जबकि बाकी राज्य सरकार का था. सरकार ने 1950 के दशक में सोमनाथ ट्रस्ट को 99 साल की लीज पर जमीन के कुछ भूखंड आवंटित किए थे. समय के साथ इन जमीनों पर अतिक्रमण हो गया, जिसे हटा दिया गया''
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