Godhra Train Burning Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को कहा कि वह 2002 के गोधरा ट्रेन आगजनी मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कई दोषियों की जमानत याचिकाओं और गुजरात सरकार की अपील पर 24 मार्च को सुनवाई करेगा. मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की बेंच ने इस बीच गुजरात सरकार के वकील और दोषियों को उस समेकित चार्ट की एक सॉफ्ट कॉपी देने का निर्देश दिया. इसमें उन्हें दी गई वास्तविक सजा और अब तक जेल में बिताए गए समय जैसी जानकारी शामिल हों.


बेंच को बताया गया है कि राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता उपलब्ध नहीं हैं. इसके बाद इसने सुनवाई स्थगित कर दी. वहीं बेंच ने कहा कि, हम इसे शुक्रवार (24 मार्च)को सुनेंगे. राज्य सरकार ने 20 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वह उन 11 दोषियों को मौत की सजा देने की मांग करेगी. जिनकी 2002 के गोधरा ट्रेन आगजनी मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदल दिया था.


क्या था पूरा मामला
दरअसल, गुजरात के गोधरा में 27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एस-6 कोच में आग लगने से 59 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद राज्य में दंगे भड़क उठे थे. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए कुछ दोषियों की जमानत याचिकाओं पर 30 जनवरी को गुजरात सरकार से जवाब मांगा था. गुजरात सरकार ने 11 दोषियों की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी. पिछले साल 15 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड के एक आरोपी को जमानत दे दी थी, जिसके बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे हुए थे.



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