Surat News: सूरत में हीरा कारोबारी धनेश सांघवी की 8 साल की बेटी देवांशी बनी सन्यासी, आज लेंगी दीक्षा
Devanshi Sanghvi: सूरत में हीरा कारोबारी धनेश सांघवी की आठ साल की बेटी देवांशी सांघवी आज संन्यास ग्रहण करने जा रही हैं. आज उन्हें जैनाचार्य कीर्तिशसूरीश्वरजी महाराज द्वारा दीक्षा दी जाएगी.
Surat Devanshi Shanghvi: दो बहनों में बड़ी होने के नाते आठ साल की देवांशी सांघवी अगले 10 साल में करोड़ों की हीरा कंपनी की मालकिन होती. वह कई जगहों की यात्रा कर रही होती क्योंकि परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी के कार्यालय दुनिया के सभी महत्वपूर्ण शहरों में हैं. लेकिन देवांशी इन सभी ऐशो-आराम को छोड़कर बुधवार को शहर में सन्यास ग्रहण करेंगी. मंगलवार को शहर में इस अवसर को मनाने के लिए हाथियों, घोड़ों और ऊंटों के साथ एक भव्य जुलूस का आयोजन किया गया.
बेल्जियम में भी निकाला था जुलूस
इससे पहले परिवार ने बेल्जियम में भी इसी तरह का जुलूस निकाला था. यह परिवार संघवी एंड संस चलाता है, जो सबसे पुरानी हीरा बनाने वाली कंपनियों में से एक है, जिसका कारोबार करोड़ों में है. उसके पिता धनेश सांघवी अपने पिता मोहन के इकलौते बेटे हैं और उनकी दो बेटियां देवांशी और पांच साल की काव्या हैं. धनेश, उनकी पत्नी अमी और दोनों बेटियां धार्मिक निर्देशों के अनुसार एक साधारण जीवन शैली का पालन करती हैं.
'देवांशी ने कभी नहीं देखा टीवी'
कार्यक्रम से जुड़े एक पारिवारिक मित्र ने कहा, "देवांशी ने कभी टीवी, या फिल्में नहीं देखीं और कभी भी रेस्तरां या शादियों में शामिल नहीं हुईं. उन्होंने अब तक 367 दीक्षा कार्यक्रमों में भाग लिया है." देवांशी ने पलिताना में दो साल की उम्र में उपवास किया और संन्यास का मार्ग अपनाने के लिए दृढ़ संकल्पित थीं. कार्यक्रम के आयोजकों में से एक ने कहा, "एक बड़े व्यवसाय के मालिक होने के बावजूद, परिवार एक साधारण जीवन जीता है. उन्होंने देखा है कि उनकी बेटियां सभी सांसारिक सुखों से दूर रहना चाहती हैं."
दीक्षा के लिए चुने जाने से पहले, देवांशी ने भिक्षुओं के साथ 600 किमी की दूरी तय की, और कई कठिन दिनचर्या के बाद, उन्हें अपने गुरु द्वारा संन्यास लेने की अनुमति दी गई. उन्हें जैनाचार्य कीर्तिशसूरीश्वरजी महाराज द्वारा दीक्षा दी जाएगी.