Indian Institute of Information Technology: 8 अगस्त से शुरू होने वाले नए शैक्षणिक वर्ष के लिए सूरत में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT) अपने 28 एकड़ के परिसर में जाने के लिए तैयार है जो अभी भी निर्माणाधीन है. यहां क्लासरूम के लिए बस शेड डाल दी गई है. इसको लेकर छात्र काफी आलोचना कर रहे हैं. आईआईआईटी-सूरत जून 2017 से अपने संरक्षक संस्थान एसवीएनआईटी से संचालित हो रहा है. लेकिन एसवीएनआईटी के साथ इसके परिसर का उपयोग करने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) 31 जुलाई को समाप्त हो रहा है.


आईआईआईटी सूरत के प्रिंसिपल ने दी ये जानकारी
आईआईआईटी-सूरत के प्रिंसिपल जेएस भट ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग 9 करोड़ रुपये की लागत से 1.75 एकड़ में अस्थायी ढांचे-क्लासरूम, लैब, एक वॉशरूम और एक कैंटीन का निर्माण कर रहा है, और 10 अगस्त तक काम पूरा होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, “परिसर में ठंडे तापमान वाले कक्षाओं, एक शौचालय और एक कैंटीन सहित सभी सुविधाएं होंगी.


अस्थायी कक्षाओं की स्थापना के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री को मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया गया था. ये टिकाऊ भी होते हैं. इन संरचनाओं में एक बार में 500 से अधिक छात्र बैठ सकते हैं. कक्षाओं और प्रयोगशालाओं में सभी सुविधाओं के साथ एयर कंडीशनिंग और पंखे होंगे.”


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छात्रों ने कही अपनी बात
IIIT सूरत में इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार के पांचवें सेमेस्टर के छात्र ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “नए परिसर में निर्माण प्रगति पर है और हमारे लिए पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल होगा. हमारा आवास भी 12 किमी दूर है." सूत्रों के अनुसार छात्रावास वलथन गांव के एक सरकारी स्कूल में है. छात्र ने कहा, “हमने अपने मुद्दों को लेकर एक ट्विटर पेज बनाया है.


धरना-प्रदर्शन की दी चेतावनी
हम चाहते हैं कि जब तक सभी सुविधाओं के साथ हमारा नया भवन नहीं बन जाता, तब तक हमें एनआईटी के दूसरे परिसर में स्थानांतरित कर दिया जाए. एक बार जब हम अपना पाठ्यक्रम पूरा कर लेते हैं तो हमें समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि हमें डर है कि कोई भी कंपनी प्लेसमेंट के लिए टिन-शेड संरचना में नहीं आएगी. हम आठ अगस्त से पहले सूरत पहुंचेंगे और खुद को दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग रखेंगे. अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम धरना प्रदर्शन करेंगे.


प्रिंसिपल भट ने कहा, “2020 में, गुजरात सरकार द्वारा IIIT सूरत को भूमि आवंटित की गई थी. महामारी और लॉकडाउन के कारण निर्माण में देरी हुई. एक बार जब नया परिसर बनकर तैयार हो जाएगा तो छात्रों को वहां स्थानांतरित कर दिया जाएगा. पुराने परिसर का उपयोग अनुसंधान, प्रशिक्षण और अन्य गतिविधियों के लिए किया जाएगा.


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