Diamond Industry Facing Crisis In Gujarat: कांग्रेस की गुजरात इकाई ने गुरुवार को कहा कि सूरत में हीरा श्रमिक रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बेरोजगारी और मंदी के ‘गंभीर संकट’ का सामना कर रहे हैं. राज्य में मुख्य विपक्षी दल ने केंद्र से इस दिशा में सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह किया.  कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि हीरा उद्योग में संकट के कारण कई हीरा श्रमिकों ने अपनी नौकरी गंवा दी और उनमें से कुछ ने तो आत्महत्या भी कर ली.



उन्होंने कहा, “सूरत का हीरा उद्योग गंभीर संकट का सामना कर रहा है क्योंकि जी-7 समूह देशों ने रूसी हीरों पर प्रतिबंध लगा दिया है. रूसी हीरों को भारत में काटने और चमकाने के लिए आयात किया जाता है और पश्चिमी बाजारों के साथ-साथ चीन, यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) और हांगकांग में निर्यात किया जाता है.”

'हीरा श्रमिकों की मदद के लिए कुछ नहीं किया सरकार'
गोहिल ने कहा कि अधिकांश कच्चे हीरों का खनन रूस में किया जाता है.उन्होंने कहा कि हीरा उद्योग से जुड़े कई सारे श्रमिकों ने अपनी नौकरी गंवा दी और उनमें से कुछ ने आत्महत्या भी कर ली.गोहिल ने कहा कि संकट की गंभीरता के बावजूद, केंद्र और राज्य सरकार ने हीरा श्रमिकों की मदद के लिए कुछ नहीं किया.उन्होंने कहा कि ये श्रमिक जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

गोहिल ने पूछा, “केंद्र सरकार ने रूसी खदानों से प्राप्त कच्चे हीरों पर कड़े प्रतिबंधों के बारे में अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप सहित जी-7 समूह देशों के साथ इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया?”उन्होंने दावा किया, “गुजरात से राज्यसभा सदस्य और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न तो हितधारकों के साथ एक भी बैठक की और न ही जी 7-समूह देशों, अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ हीरा क्षेत्र की समस्याओं को ही उठाया.”

लगभग 25 लाख परिवार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हैं निर्भर
गुजरात में हीरा उद्योग सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले उद्योगों में से एक है क्योंकि इस उद्योग पर लगभग 25 लाख परिवार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निर्भर हैं.गोहिल ने बताया कि हीरा पॉलिशिंग कारखाने सूरत, नवसारी, भावनगर, अमरेली, बोटाद, राजकोट, जूनागढ़ और अहमदाबाद में स्थित हैं.