तिरुपति के बाद अब तीर्थस्थल डाकोर के प्रसाद में बदबू आने का आरोप, पुजारी बोले- FSL करे जांच
Gujarat News: सेवक पुजारी ने कहा कि पहले के समय में इस लड्डू के प्रसाद में जामखंभालिया से घी आता था, लेकिन पिछले कुछ सालों से अन्य ब्रांडेड कंपनियों के घी का उपयोग किया जाने लगा है.
Gujarat News: तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लड्डू विवाद के बाद अब गुजरात में तीर्थस्थल डाकोर में प्रसाद को लेकर मंदिर के पुजारी ने आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को परोसे गए प्रसाद के मामले की जांच की जानी चाहिए.
प्रसिद्ध तीर्थस्थल डाकोर के रणछोड़राय मंदिर में भक्तों को परोसे जाने वाले प्रसाद पर मंदिर के एक सेवक पुजारी ने नाराजगी जताई है और प्रसाद की जांच और सत्यापन की मांग की है. मंदिर के सेवक आशीष भाई की ओर से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया गया, जिसमें उन्होंने मांग की है कि डाकोर रणछोड़ जी मंदिर में प्रसाद की जांच उसी तरह की जाए जैसे तिरुपति मंदिर में की गई है. इसके साथ उन्होंने लड्डू प्रसादी का वीडियो भी अपलोड किया गया है.
मंदिर के पुजारी आशीष सेवक ने बताया कि लडू प्रसाद से एक अलग तरह की बदबू आती है. पहले के समय में इस लड्डू के प्रसाद में जामखंभालिया से घी आता था उसका उपयोग किया जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों से अन्य ब्रांडेड कंपनियों के घी का उपयोग किया जाने लगा है.
'FSL को लिया जाना चाहिए सैंपल'
उन्होंने आगे कहा कि इस लड्डू प्रसाद की सही तरीके से जांच होनी चाहिए और एफएसएल में सैंपल लिया जाना चाहिए. यह लड्डू प्रसाद महीनों तक चल जाता था, लेकिन अब लड्डू प्रसाद के तीन से चार दिन ही अच्छा रहता है. लगभग 22 दिन पहले जब सेवक ट्रस्टियों की हमारी बैठक हुई थी तो मैंने एक मौखिक प्रस्तुति भी दी थी. कल मैंने अपने फेसबुक पेज पर प्रसादी का एक वीडियो पोस्ट किया. सेवक पुजारी द्वारा सोशल मीडिया में की गई इस पोस्ट को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है.
समिति के चेरयमैन ने आरोप को नकारा
वहीं डाकोर मंदिर समिति के चेयरमैन परींन्दु भगत ने सभी आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि यह डाकोर में दिया जाने वाला एकमात्र प्रसाद है. घी पहले से ही विशेष रूप से उपयोग किया जाता है और हमें प्रत्येक लॉट के साथ एक प्रमाणपत्र भी दिया जाता है.
'चीनी, घी और गुड़ का होता है मिश्रण'
जब उनसे इस प्रसाद के लड्डू की बदबू के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है. जिन लोगों ने आरोप लगाए हैं, वे सबूत के साथ आ सकते हैं. वहीं इस प्रसादी लड्डू की विधि के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि एक दिन पहले गेहूं को पीसा जाता है और फिर इसमें केवल चीनी, घी, गुड़ और घी मिलाया जाता है.
मंदिर के सेवक ट्रस्टी भरतभाई खंभोल ने भी इस सेवक पुजारी द्वारा प्रसाद को लेकर लगाए गए आरोप को खारिज कर दिया है और कहा है कि कई सेवक, भक्त प्रसाद लेते हैं. लेकिन प्रसाद खराब होने या बदबू आने की कोई शिकायत नहीं मिली है.
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