Gujarat: युद्धग्रस्त यूक्रेन से काफी संघर्ष के बाद पोलैंड पहुंचे भारतीयों के मदद के लिए गुजरात के आणंद जिले के ओदे गांव का एक शख्स आगे आया है. इस शख्स ने सभी को रहने और खाने के लिए उनसे संपर्क करने का खुला निमंत्रण दिया है. गृहांग पटेल ने एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया और उसे अपने फोन नंबर के साथ सोशल मीडिया पर प्रसारित कर दिया ताकि वह जरूरतमंदों तक पहुंच सके.


हाल ही में पोलैंड लौटे थे


गृहांग पटेल की उम्र 28 साल है और वो पोलैंड की राजधानी वारसॉ में रहते हैं. गृहांग पटेल का वहां फूड डिलीवरी का कारोबार है. पटेल करीब एक महीने पहले तक अपनी शादी के लिए अपने गांव में थे और हाल ही में पोलैंड लौटे थे. अब उनकी वापसी कई लोगों के लिए वरदान साबित हो सकती है.


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वह पहले ही 30 से 40 लोगों को पोलैंड में अपने साथी भारतीयों की मदद से अलग-अलग जगहों पर घरों और हॉस्टलों में ठहरा चुके हैं. पटेल दो गोदामों में करीब 200 से 250 और लोगों को ठहराने की व्यवस्था करने को तैयार हैं.


मनीष दवे ने भी कई लोगों की मदद की


बता दें कि युद्ध के बीच एक और शख्स, बड़ोदा के मनीष दवे ने भी कई लोगों की मदद की. हालांकि अब उन्हें भारतीय दूतावास के आदेश के बाद मंगलवार को राजधानी कीव छोड़ना पड़ा. हालाँकि, उन्होंने अपने रेस्तरां के दरवाजे खुले छोड़ दिए, जब तक कि चीजें सामान्य नहीं हो जातीं. उन्होंने कहा है कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते कोई भी वहां आश्रय ले सकता है.


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