Vadodara Liquor News: गुजरात में जहरीली शराब की त्रासदी के एक महीने बाद जिले के चपड़ गांव के एक परिवार ने दावा किया है कि देशी शराब पीने के बाद उनके बेटे की आंखों की रोशनी धुंधली हो गई है. यह ताजा मामला ऐसे समय में आया है, जब पड़ोसी ग्राम पंचायत प्रमुख ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में देशी शराब की इकाइयां और ठिकाने बढ़ रहे हैं और इन्हें रोका जाना चाहिए. जुलाई में अहमदाबाद और बोटाद जिलों में अवैध शराब के सेवन से 49 लोगों की मौत हो गई थी.
पुलिस मामले की कर रही है जांच
पुलिस उपायुक्त यशपाल जगनिया ने बताया, "हम दोनों आरोपों की जांच कर रहे हैं. चपड़ गांव के परमार परिवार से शिकायत मिलने पर, हमने एसएसजी (सरकारी) अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट मांगी है, जहां युवा भौमिक परमार ने धुंधली दृष्टि के लिए चिकित्सा उपचार किया था. यदि क्षेत्र में अवैध रूप से शराब बेची जा रही है, तो कार्रवाई की जाएगी." उपायुक्त ने यह भी कहा कि परमार परिवार ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा कि भौमिक को लंबे समय से दृष्टि संबंधी समस्या है, लेकिन पुलिस मामले की गहनता से जांच करेगी.
अस्पताल में चल रहा इलाज
इस बीच, भौमिक की मां कोकिलाबेन परमार का वीडियो क्लिप पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर युवाओं से शराब छोड़ने की अपील कर रहा है. उन्हें शिकायत करते हुए देखा जा सकता है कि पिछले हफ्ते उसके बेटे ने गांव की मांद में देशी शराब पी थी और अगले ही दिन, उसे धुंधली दृष्टि का सामना करना पड़ा और उसे वडोदरा के एसएसजी (सरकारी) अस्पताल ले जाया गया. अब उनका इलाज बाहरी मरीज और निर्धारित दवाओं की तरह किया जा रहा है.
सरपंच नवीन ठाकोर ने मंजलपुर थाने को ज्ञापन सौंपा
तलसाट गांव से सटा एक चापड़ गांव है, जिसके सरपंच नवीन ठाकोर ने मंजलपुर थाने को ज्ञापन सौंपा है, जिसके अंतर्गत दोनों गांव आते हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि इन गांवों में कई देशी शराब के ठिकाने चल रहे हैं और कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने दावा किया है कि पिछले एक साल में तलसाट ग्राम पंचायत सदस्य के पति समेत 20 लोगों की मौत देशी शराब के कारण हुई है. उन्होंने कहा कि एक पूर्व सरपंच देशी शराब के ठिकाने के लिए गुड़ सप्लाई कर रहा है, ऐसे लोगों को पुलिस सलाखों के पीछे डाले.
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