Vadodara News: सावधान! वडोदरा में ऑनलाइन होटल बुक करने पर आपके साथ हो सकती है ठगी, इन बातों का रखें खास ख्याल
Vadodara Online Hotel: वडोदरा में अगर आप ऑनलाइन होटल बुकिंग कर रहे हैं तो आपको ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. कुछ ठग ऑनलाइन बुकिंग के जरिए ठगी की घटना की अंजाम दे रहे हैं.

Vadodara Online Hotel Booking: वडोदरा में यदि आप ठहरने के लिए होटल या रिसॉर्ट बुक कर रहे हैं तो आपको बहुत सावधानी बरतने की जरुरत है. वडोदरा में ऐसे मामले सामने आए हैं जहां ऑनलाइन होटल बुकिंग के नाम पर ठगी को अंजाम दिया गया है. ऑनलाइन मिलने वाले मोबाइल नंबर से आपके साथ ठगी हो सकती है. ऐसे में अगर आप ऑनलाइन होटल बुकिंग कर रहे हैं तो अलर्ट होकर ही बुकिंग करें. एसीपी (साइबर क्राइम) हार्दिक मकाडिया ने जानकारी देते हुए बताया कि जालसाजों के एक समूह ने ऑनलाइन होटल बुक करने वाले पर्यटकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. वडोदरा में पिछले एक महीने में साइबर क्राइम के अधिकारियों को ऐसी लगभग आठ शिकायतें मिली हैं.
इस तरह देते हैं घटना को अंजाम
मकाडिया ने टीओआई को बताया. "यह गिरोह नकली वेबसाइट बनाए बिना ठगी करने के लिए एक नया तरीका अपनाते हैं. वे Google पेज को हैक करते हैं और सर्च इंजन प्लेटफॉर्म पर दिए गए संपर्क नंबर या ईमेल आईडी को बदल देते हैं. होटल या रिसॉर्ट को ऑनलाइन ढूंढ़ने वाले लोग आमतौर पर Google पर दिए गए नंबर को डायल करते हैं." एक बार जब बदमाशों को उनके द्वारा अपलोड किए गए नंबर पर कॉल आती है, तो वे होटल के कर्मचारी के रूप में उनसे बात करते हैं और कॉल करने वाले को जगह के बारे में कुछ जानकारी देते हैं.
बढ़ गए हैं मामले
मकाडिया ने कहा, "फिर वे पर्यटक से बुकिंग अमाउंट को दिए गए बैंक अकाउंट नंबर में जमा करने के लिए कहते हैं. महामारी प्रतिबंधों में ढील के बाद, पर्यटन उद्योग में तेजी देखी जा रही है और इस गिरोह द्वारा लोगों को ठगने की संभावना कई गुना बढ़ गई है. ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या से चिंतित मकाडिया ने इस तरह के अपराधों से निपटने के लिए एक मंच बनाने के लिए सीआईडी (साइबर अपराध) के साथ-साथ केंद्र सरकार को पत्र लिखा है.
सरकार से की ये अपील
मकाडिया ने कहा, "जब हमें इस तरह की धोखाधड़ी की शिकायत मिलती है, तो हम Google को लिखते हैं और सर्च इंजन अधिकारियों से साइबर धोखाधड़ी गिरोह द्वारा अपलोड किए गए नंबर या ईमेल को संपादित करने के लिए कहते हैं. लेकिन इस प्रक्रिया में कम से कम पांच से सात दिन लगते हैं. उस समय तक वे धोखाधड़ी कर चुके होते हैं." उन्होंने सरकार से कानूनी एजेंसियों के लिए प्रमाणीकरण प्रक्रिया को तेज करने के लिए कहा है ताकि ऑनलाइन सार्वजनिक प्लेटफार्मों से ऐसी धोखाधड़ी सामग्री को हटाया जा सके.
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