Russia-Ukraine Crisis: वडोदरा के मनीष दवे ने यूक्रेन में दिखाई भारतीयों के लिए दरियादिली, 2000 छात्रों को खिलाया खाना
Gujarat: युद्ध के इस भयावह दौर में भी एक शख्स ऐसा है जिसके अच्छे कामों की चर्चा हर जगह हो रही है. वो शख्स हैं वडोदरा के रहने वाले मनीष दवे. जानिए क्या है वजह
Gujarat: रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान लाखों लोगों की जिंदगी मुसीबत में फंसी है. वहां पढ़ने गए कई छात्र भी मुसीबत में हैं. हालांकि युद्ध के इस भयावह दौर में भी एक शख्स ऐसा है जिसके अच्छे कामों की चर्चा हर जगह हो रही है. वो शख्स हैं वडोदरा के रहने वाले मनीष दवे. दरअसल मनीष दवे रूस-यूक्रेन संकट के बीच यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसे सैकड़ों भारतीयों के साथ-साथ यूक्रेनियन की भी मदद करने के लिए चर्चा में हैं.
1,500 से 2,000 छात्रों को खिलाया खाना
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक मनीष दवे की रेस्तरां में जो थोड़ा सा राशन उपलब्ध था, उसका इस्तेमाल उन सभी लोगों को खाना खिलाने के लिए किया जा रहा था, जो लगातार हवाई हमले के सायरन और बम विस्फोटों के बीच बोगोमोलेट्स नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्रावास के तहखाने में शरण लेने को मजबूर थे. बता दें कि चोकोलिव्स छात्रावास में लगभग 1,500-2,000 छात्र रहते थे.
नया रेस्तरां जल्दबाजी में स्थानीय यूक्रेनियन को सौंप दिया
हालांकि मंगलवार को, मनीष दवे ने भी अन्य भारतीयों के साथ यूक्रेन छोड़ दिया क्योंकि कीव में भारत के दूतावास ने छात्रों सहित सभी भारतीय नागरिकों को तत्काल कीव छोड़ने के लिए कहा था. मनीष दवे ने कहा, "हम कीव रेलवे स्टेशन पहुंच गए हैं. अगली ट्रेन आने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन हमें नहीं पता कि कहां जाना है. सबसे सुरक्षित विकल्प रोमानिया है. हम रोमानिया से आगे जाने की उम्मीद कर रहे हैं.''
उन्होंने बताया कि जब अपना नया रेस्तरां शुरू किया और जल्दबाजी में स्थानीय यूक्रेनियन को सौंप दिया तो वो चिंतित भी थे और इमोशनल भी.'इस वक्त यूक्रेन के लोगों को भी सुरक्षित रहने, खाने के लिए भोजन और चीजों के सामान्य होने तक जगह की जरूरत है. ऐसे में उन्हें मदद मिलेगी" बता दें कि अधिकारियों के मुताबिक वडोदरा के कम से कम 20 छात्र अभी भी युद्ध प्रभावित यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं.