Gujarat Election: गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. पार्टी के नेता इसका श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी को दे रहे हैं. चुनावी जानकार भी गुजरात में पीएम मोदी की लोकप्रियता का लोहा मान रहे हैं. पार्टी ने गुजरात के चुनावी इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की है. 182 में से 156 सीटों पर जीत दर्ज किया है.
गुजरात में बीजेपी की जीत के अहम फैक्टर
पीएम मोदी- पीएम मोदी के साथ का बीजेपी को इन चुनावों में बड़ा फायदा मिला. एक तो गुजरात पीएम मोदी का गृह राज्य है और दूसरा वह यहां के 13 साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं. इसलिए वह यहां की जड़ों को भली भांति समझते हैं. गुजरात चुनावों में नरेंद्र मोदी ने एक के बाद एक ताबड़तोड़ रैलियां और सभाएं कीं और माहौल को बीजेपी के पक्ष में लाकर खड़ा कर दिया. मोरबी की घटना के बाद बीजेपी विपक्ष के निशाने पर आ गई थी. ऐसे में पीएम मोदी ने खुद मोर्चा संभाला.
कांग्रेस की गैरमौजूदगी- बीजेपी की जीत में कांग्रेस की 'सुस्ती' भी एक फैक्टर रही. कांग्रेस के बड़े नेता जोर-शोर से चुनाव प्रचार करते नहीं दिखे. कांग्रेस ने जिन नेताओं को प्रभार दिया वह भी कुछ खास नहीं कर सके. कांग्रेस के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जैसे नेताओं ने चुनाव प्रचार का मोर्चा नहीं संभाला.
वोटों का बंटवारा- इन चुनावों में आप की एंट्री से वोटों का बंटवारा हुआ. कांग्रेस के नेता भी इस बात को स्वीकार किया. गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने चुनाव नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी ने हमारा वोट काटा. जाहिर है इन सबका फायदा बीजेपी को मिला.
पीएम मोदी पर वार पड़ा उल्टा- विपक्ष की तरफ से किए गए हमलों को पीएम मोदी के उनके खिलाफ ही हथियार बनाकर इस्तेमाल किया. चुनावों के दौरान पीएम मोदी की तुलना 'रावण' से की गई. 'औकात' वाला बयान भी सुनने को मिला. ऐसे बयानों को बीजेपी ने गुजरात की 'अस्मिता' पर हमला करार देते हुए चुनावी प्रचार में भुनाया.
सबका साथ, सबका विकास का नारा: जानकारों की मानें तो बीजेपी जनता के बीच ये बात साबित करने में कामयाब हुई कि पार्टी 'सबका साथ, सबका विकास' की नीतियों के साथ काम करती है. ऊपर से लेकर नीचे तक संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राज्य और केंद्र की नीतियों का जमकर प्रचार-प्रसार किया. 'डबल इंजन' की सरकार पर जनता का भरोसा जीतने में बीजेपी को सफलता मिली.
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