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Gujrat News: पति की उप-जाति अलग होने पर पत्नी ने तोड़ा रिश्ता, अब HC के आदेश पर देने होंगे 10 हजार रुपये
Ahmedabad News: अहमदाबाद में पति की उप-जाति अलग होने पर पत्नी ने खत्म किए उससे सारे रिश्ते, हताश पति पहुंचा हाई कोर्ट.
![Gujrat News: पति की उप-जाति अलग होने पर पत्नी ने तोड़ा रिश्ता, अब HC के आदेश पर देने होंगे 10 हजार रुपये Wife breaks relationship after husband's sub-caste Different , High Court will have to pay 10K Gujrat News: पति की उप-जाति अलग होने पर पत्नी ने तोड़ा रिश्ता, अब HC के आदेश पर देने होंगे 10 हजार रुपये](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/05/11/bc06afcef6404c4cf959dab808736044_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Ahmedabad News: अहमदाबाद की एक महिला अपने पति से अजीबो-गरीब बात को लेकर अलग हो गई है यह मामला जब कोर्ट पहुंचा तो हर कोई अचंभित रह गया. महिला को अपने पति से कोई शिकायत न होने के बावजूद वह सिर्फ इसलिए अलग हो गई कि उसका पति एक अलग उप-जाति का था. इस वजह से महिला को गुजरात हाई कोर्ट ने 10,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है. अदालत ने पाया कि अलग होने का आधार अनुचित था और कारण भी ठोस नहीं था, कोर्ट में महिला अपने फैसले पर डटी रही जिससे उसका पति जज के सामने हताश नजर आया.
महिला ने यह निर्णय अपने माता-पिता के कहने में आकर लिया है. दरअसल उसके माता-पिता इस रिश्ते के खिलाफ थे क्योंकि उसका पति एक अलग उपजाति का था. साबरकांठा के रहने वाले इस जोड़े ने इस साल के शुरूआत में शादी की थी. पति-पत्नी के रूप में एक साथ रहने के चार दिनों के बाद ही वह अपने माता-पिता के पास वापस चली गई और फिर उसके पास वापस नहीं लौटी. वकील हिमानिश जापी के माध्यम से पति ने पत्नी की कस्टडी के लिए हाई कोर्ट मे अपील दायर की जिसके बाद कोर्ट ने महिला को तलब किया. महिला ने अदालत को बताया कि वह शादी का रिश्ता आगे नहीं निभाना चाहती. हालांकि उसे अपने पति के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की है.
जाति व्यवस्था पर की कड़ी निंदा
जस्टिस सोनिया गोकानी और जस्टिस मौना भट्ट ने पाया कि महिला अपने माता-पिता के कहने से यह फैसला कर रही है, उनका यह भी कहना है कि महिला ने यह फैसला अपने चार साल के प्रेम संबंध के बाद लिया है. न्यायाधीशों ने युवाओं के जीवन पर जाति व्यवस्था के प्रभाव की निंदा की और कहा कि शिक्षा भी उन्हें समझदार नहीं बना सकती है.
करना होगा 10K का भुगतान
एक आदेश में, उन्होंने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जाति और उप-जाति के इस जिद से युवाओं का जीवन बर्बाद कर दिया गया है". जो लोग खुद को बुजुर्ग कहते हैं और माना जाता है कि वे युवा लोगों के जीवन का मार्गदर्शन करते हैं, वहीं लोग युवाओं को गुमराह कर रहे हैं. अदालत ने पाया कि दोनों पक्ष पटेल समुदाय से थे, लेकिन उनकी उपजातियां अलग थीं. कोर्ट ने महिला को एक दो दिन के लिए शेल्टर होम भेज दिया, लेकिन वह अपने जिद पर डटी रही. बेंच ने पत्नी और उसके पिता को याचिकाकर्ता पति को 10K का भुगतान करने का आदेश दिया.
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