Gurugram Namaz Controversy: नमाज का शांतिपूर्ण समाधान खोजने की कोशिश जारी, मुस्लिम समुदाय ने 21 सदस्यीय समिति बनाई
मुस्लिम समुदाय ने गुरुग्राम में जुमे की नमाज का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए 21 सदस्यीय समिति का गठन किया है. ये समिति पूर्व राज्यसभा सदस्य मोहम्मद अदीब की अध्यक्षता में गठित की गई है,
गुरुग्राम नमाज विवाद: मुस्लिम समुदाय ने पूर्व राज्यसभा सदस्य मोहम्मद अदीब की अध्यक्षता में सरकार और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने और शहर में जुमे की नमाज़ का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए 21 सदस्यीय समिति का गठन किया है.
बता दें कि विभिन्न दक्षिणपंथी संगठनों और कुछ स्थानीय निवासियों ने पिछले कुछ हफ्तों में सार्वजनिक स्थानों पर नमाज का विरोध किया था. इस शुक्रवार, स्थानीय संगठनों के ऑर्गेनाइजेशन ने सेक्टर 12 में नमाज स्थल पर गोवर्धन पूजा की. इसी दौरान एक वक्ता ने कहा कि जो लोग सार्वजनिक स्थान पर नमाज अदा करना चाहते हैं, उन्हें पाकिस्तान जाना चाहिए.
मुस्लिमों को नमाज अदा करने में हो रही परेशानी का हल ढूंढने के लिए समिति गठित
वहीं एक स्थानीय संगठन जिसने पहले सरकार से शहर में बिना किसी व्यवधान के नमाज अदा करने की अनुमति देने के लिए याचिका दायर की थी उसके एक सदस्य और गुरुग्राम नागरिक एकता मंच के सदस्य अल्ताफ अहमद ने कहा, "समिति का गठन इसलिए किया गया ताकि गुरुग्राम में जहां भी मुसलमानों को नमाज अदा करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है उसके लिए हल ढूंढा जा सके"
पिछले 3 सालों में मुस्लिम प्रवासी श्रमिकों की संख्या बढ़ी
अल्ताफ ने कहा कि, गुरुग्राम के उपायुक्त यश गर्ग के साथ बातचीत करने वाली समिति के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का सोमवार से सरकारी अधिकारियों और राजनीतिक नेतृत्व के साथ जुड़ाव शुरू होगा. समुदाय के सदस्यों ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल 2018 में सहमत 37 स्थानों की सूची से साइटों को कम नहीं करने के लिए एक ज्ञापन प्रस्तुत करेगा. अल्ताफ ने आगे कहा कि “इसके बजाय, हमें नए क्षेत्रों में और स्थानों की आवश्यकता है क्योंकि पिछले 3 साल में मुस्लिम प्रवासी श्रमिकों की संख्या शहर में बढ़ी है.”
आठ साइटों को पहले ही सूची से हटा दिया गया है
स्थानीय लोगों की आपत्तियों का हवाला देते हुए और पिछले हफ्ते मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों के एक ज्ञापन के बाद आठ साइटों को पहले ही सूची से हटा दिया गया है कि वे सद्भाव के लिए खुले में नमाज अदा करना बंद करने के लिए तैयार हैं. जिला प्रशासन ने नमाज के लिए नए सिरे से जगह तय करने के लिए कमेटी का गठन किया है. पुलिस ने पिछले हफ्ते एक बयान जारी कर कहा था कि अगर स्थानीय लोगों ने कोई आपत्ति जताई तो अन्य स्थलों पर नमाज की अनुमति वापस ली जा सकती है.
मुख्यमंत्री से गुरुग्राम में मस्जिद के लिए जमीन देने की अपील की जाएगी
अल्ताफ ने कहा कि हम मुख्यमंत्री से मिलने का समय भी मांगेंगे और उनसे नगर नियोजन दिशानिर्देशों के अनुसार गुरुग्राम में मस्जिद बनाने के लिए हमें जमीन देने की अपील करेंगे. हम गुरुग्राम में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की दिशा में काम करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का अनुरोध करेंगे.” इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि समिति उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा से भी मिलना चाहती थी.
ये भी पढ़ें
Petrol-Diesel Price: जानें, अभी किस राज्य में सबसे महंगा है पेट्रोल-डीजल?