चंडीगढ़: हरियाणा कैबिनेट की बैठक में शुक्रवार को एक अहम फैसला लिया गया है. राज्य सरकार ने प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण देने वाले अपने ऑर्डिनेंस को वापस लेने का फैसला किया है. अब युवाओं को 75 फीसदी रोजगार सुनिश्चित करने लिए सरकार विधानसभा में बिल लेकर आएगी. सदन में हरियाणा स्टेट इंप्लायमेंट टू लोकल कैंडिडेट्स एक्ट 2020 विधेयक पेश किया जाएगा. विधानसभा का सत्र 3 नवंबर के बाद कभी भी बुलाया जा सकता है.


मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में दोबारा मानसून सत्र बुलाने पर सहमति बनी है. अध्यादेश को वापस लेने के लिए मनोहर सरकार ने राज्यपाल से आग्रह किया है.


अध्यादेश को नहीं मिली मंजूरी
पहले हरियाणा सरकार प्राइवेट सेक्टर में 75 फीसदी रोजगार स्थानीय युवाओं को देने के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी से अध्यादेश लेकर लाई थी. अध्यादेश मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा गया था. राज्यपाल ने राष्ट्रपति के पास भेजा था, लेकिन उस पर हस्ताक्षर नहीं हुए. ऐसे में सरकार ने अब स्थानीय युवाओं को आरक्षण के लिए विधेयक लाने का फैसला लिया है. इस विधेयक के तहत 50 हजार से कम वेतन वाले 75 फीसदी पद स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित होंगे.


पहले हरियाणा के उपमुख्यमंत्री और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल को पत्र लिखकर अध्यादेश को वापस लेने की मांग की थी. लेकिन, अधिकारियों ने कहा कि अध्यादेश वापस लेने के फैसले को पहले कैबिनेट को मंजूरी देनी होगी. क्योंकि यह राष्ट्रपति के विचार के लिए केंद्र को भेजा गया है, यह अभी भी प्रगति पर है. इसलिए, जब तक राज्यपाल द्वारा वापस नहीं लिया जाता है, तब तक एक प्रतिकृति बिल विधानसभा में पेश नहीं किया जा सकता है.


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