Haryana News: हरियाणा में बीजेपी ने सरकार गठन के तहत केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को संसदीय बोर्ड का पर्यवेक्षक बनाया है. राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने ऐलान किया कि इन दोनों पर विधायक दल का नेता चुनने की जिम्मेदारी होगी.


वहीं सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की हो रही है कि आखिर अमित शाह जैसे बड़े नेता को ऑब्जर्वर क्यों बनाया गया है, जबकि पार्टी ये पहले ही ऐलान कर चुकी है कि हरियाणा के अगले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी होंगे. इस सवाल के जवाब में कई तरह के कयास हैं. 


दरअसल, हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री अनिल विज मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी दावेदारी जता चुके हैं, वहीं सांसद और पार्टी के वरिष्ठ नेता राव इंद्रजीत सिंह के समर्थक भी उन्हें सीएम पद का दावेदार मानते आए हैं. ऐसे में अमित शाह को हरियाणा का ऑब्जर्वर बनाए जाने के पीछे ये एक बड़ी वजह हो सकती है, ताकि ये इन दोनों नेताओं की दावेदारी कमजोर हो जाए.


अनिल विज ने की जेपी नड्डा से मुलाकात
इसमें दिलचस्प बात ये है कि रविवार (13 अक्टूबर) को ही अनिल विज ने दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद सियासी हलकों में लगाए जा रहे कयासों और बल मिल गया. अनिल विज की जेपी नड्डा से मीटिंग ऐसे समय में हुई जब प्रदेश में विधायक दल की बैठक होनी है.


मोहन यादव पहली बार बने पर्यवेक्षक
बता दें कि हरियाणा में विधायक दल की बैठक प्रस्तावित है और इसमें अमित शाह और मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव शामिल होंगे. इन दोनों पर प्रदेश के मुख्यमंत्री को चुनने की जिम्मेदारी होगी. सीएम मोहन यादव को पहली बार बीजेपी ने किसी राज्य का पर्यवेक्षक बनाया है.


नायब सिंह सैनी के नाम पर लग चुकी है मुहर
गौरतलब है बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने हरियाणा में सीएम फेस के लिए नायब सिंह सैनी के नाम पर मुहर लगा दी है. उनका मुख्यमंत्री बनना तय है. इसी साल मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी गई थी. बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव भी उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा था.


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