पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा के बयान पर अनिल विज का पलटवार, ‘उनका कोई अधिकार नहीं...’
Haryana News: हरियाणा के विधानसभा भवन के लिए चंडीगढ़ में भूमि आवंटन को लेकर दोनों राज्यों के नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा के बयान पर अनिल विज ने हमला बोला है.
Haryana New Assembly Building: पंजाब सरकार में मंत्री हरपाल सिंह चीमा के बयान पर हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि विधानसभा तो हम बना रहे हैं उसका ये एतराज कर रहे हैं जहां तक चंडीगढ़ की बात है तो उन्हें पिछले समझौतों को पढ़ना चाहिए जिसमें साफ तौर पर लिखा हुआ है कि जो हिंदी भाषी क्षेत्र हैं वो हरियाणा को दिए जाएंगे. एसवाईएल का पानी हमें मिलेगा, जितना चंडीगढ़ पर पंजाब का अधिकार है उतना ही हमारा भी अधिकार है.
वहीं अनिल विज से कहा गया कि मंत्री चीमा का कहना है कि वे एक इंच हिस्सा भी हरियाणा को नहीं देंगे. इसपर उन्होंने कहा कि उनका कोई अधिकार नहीं है, चंडीगढ़, केंद्र शासित प्रदेश है न कि पंजाब का हिस्सा.केंद्र शासित प्रदेश में जितने कर्मचारी कार्यरत हैं उसमें पंजाब और हरियाणा, दोनों राज्यों के कर्मचारी हैं. उनको कुछ मालूम नहीं है उनको ये सारी जानकारी लेनी चाहिए. चंडीगढ़ आज की तारिख में केंद्र शासित प्रदेश है. चंडीगढ़ आपका तभी हो सकता है जब आप हिंदी भाषी क्षेत्र और एसवाईएल का पानी हरियाणा को दोगे.
#WATCH अंबाला: पंजाब सरकार में मंत्री हरपाल सिंह चीमा के बयान पर हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज ने कहा, "...चंडीगढ़ की बात है तो उन्हें पिछले समझौतों को पढ़ना चाहिए जिसमें साफ तौर पर लिखा हुआ है कि जो हिंदी भाषी क्षेत्र हैं वो हरियाणा को दिए जाएंगे... जितना चंडीगढ़ पर पंजाब का… pic.twitter.com/ZPF7uDU0RR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 16, 2024 [/tw]
‘हम एक इंच भी जमीन नहीं देंगे’
बता दें कि बीते शुक्रवार को पंजाब आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की थी. उन्हें ज्ञापन भी सौंपा. जिसमें कहा गया कि चंडीगढ़ में हरियाणा को विधानसभा भवन के लिए कोई जमीन आवंटित नहीं की जानी चाहिए. वहीं राज्यपाल से मुलाकात के मंत्री चीमा ने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब का है और हम एक इंच भी जमीन नहीं देंगे. चंडीगढ़ पर पंजाब का अधिकार है और हम अपने अधिकार के लिए लड़ेंगे.
पंजाब में सत्तारूढ़ AAP और प्रदेश के विपक्षी दल लगातर हरियाणा के विधानसभा भवन के लिए चंडीगढ़ में 10 एकड़ भूमि के आवंटन को मंजूरी देने के लिए केंद्र के कदम की आलोचना कर रहे हैं.
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