बजरंग पूनिया की ताजपोशी में कुमारी सैलजा और बीरेंद्र सिंह रहे मौजूद, हुड्डा परिवार रहा दूर
Bajrang Punia News: किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने के बाद बजरंग पूनिया ने कहा कि हुड्डा हमारे नेता हैं और उनके साथ मिलकर काम करते रहेंगे.
Bajrang Punia News: पहलवान से नेता बने बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने मंगलवार (22 अक्टूबर) को किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया. इस मौके पर कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा (Kumari Selja) और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेन्द्र सिंह (Birendra Singh) भी मौजूद रहे.
हालांकि, गौर करने वाली बात यह रही कि इस समय भूपेंद्र सिंह हुड्डा परिवार से कोई मौजूद नहीं था. इसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या हरियाणा कांग्रेस में कोई नया समीकरण बन रहा है.
क्या बोले बजरंग पूनिया?
हरियाणा चुनाव के दौरान कांग्रेस में शामिल होने के दिन ही बजरंग पूनिया को किसान कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. उनकी साथी और दिग्गज खिलाड़ी विनेश फोगाट को कांग्रेस ने जुलाना से टिकट दिया और उन्होंने जीत दर्ज की.
बजरंग पूनिया ने पदभार ग्रहण करने के बाद एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कहा कि किसानों के साथ देश भर में अत्याचार हो रहा है और हमारी लड़ाई उसके खिलाफ है.
आज दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में @BajrangPunia जी ने किसान कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर अपना पदभार ग्रहण किया।
— Congress (@INCIndia) October 22, 2024
इस दौरान @Kumari_Selja जी, @ChBirenderSingh जी, @SukhpalKhaira जी, @Phogat_Vinesh जी और @akscong जी मौजूद रहे।
बजरंग पुनिया जी को कांग्रेस परिवार की ओर… pic.twitter.com/EQS6CMY5qL
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा की गैरमौजूदगी पर उन्होंने कहा कि हुड्डा हमारे नेता हैं और उनके साथ मिलकर काम करते रहेंगे. बाकी जो भी बातें हैं वह पार्टी का शीर्ष नेतृत्व देख रहा है.
बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पार्टी को उम्मीद थी कि 10 साल बाद वो सत्ता में लौटेगी, हालांकि बीजेपी ने हरियाणा में इतिहास की सबसे बड़ी जीत हासिल की.
कांग्रेस की हार के बाद गुटबाजी की चर्चा
कांग्रेस की हार की एक बड़ी वजह गुटबाजी को भी माना जा रहा है. दरअसल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा की देखरेख में पूरा चुनाव हुआ और उन्होंने अपने समर्थक नेताओं को अधिक से अधिक टिकट दिलवाए. इससे नाराज दलित नेता कुमारी सैलजा कई दिनों तक प्रचार से दूर रहीं. हालांकि आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद वो प्रचार में जुटीं.
बीजेपी ने इस गुटबाजी को बड़ा मुद्दा बनाया. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी ने समीक्षा बैठक में गुटबाजी को लेकर नाराजगी जताई. अब कुमारी सैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुराने प्रतिद्वंद्वी बीरेंद्र सिंह साथ दिख रहे हैं.
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