'हरियाणा और पंजाब को किसान आंदोलन का मिल रहा बदला', रणदीप सुरजेवाला ने साधा केंद्र पर निशाना
Haryana News: हरियाणा और पंजाब में धान की खरीदारी और लिफ्टिंग को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाये हैं. सांसद रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाये.
Haryana Politics: हरियाणा और पंजाब में धान की कम खरीद पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा है. राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि सरकार तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का बदला ले रही है.
उन्होंने कहा कि यही वजह है कि दोनों राज्यों में धान की खरीद और लिफ्टिंग बहुत धीमी है. सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र सरकार ने जान बूझकर ऐसी स्थिति पैदा की है ताकि किसानों के धान की खरीदारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर न हो सके. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने की लगती है.
कांग्रेस सांसद के मुताबिक धान खरीद की प्रक्रिया 15 नवंबर तक पूरी हो जाती. मगर धीमी गति से इस बार खरीद और लिफ्टिंग हो रही है. केंद्र सरकार पिछले साल के मुकाबले काफी कम धान खरीद रही है. कांग्रेस सांसद ने केंद्र सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि हरियाणा में पीआर धान की खरीद अभी तक 37 लाख मीट्रिक टन हुई है. जबकि पिछले साल पूरे सीजन में 59 लाख मीट्रिक टन धान इस वैरायटी का खरीदा गया था. इस हिसाब से सीजन के अंत तक भी सरकार पिछले साल के बराबर धान नहीं खरीद सकती.
किसानों को आंदोलन की मिल रही सजा-कांग्रेस
पंजाब में पीआर वैरायटी का धान अब तक 49 लाख मीट्रिक टन खरीदा गया है. जबकि पिछले साल पूरे सीजन में 111 लाख मीट्रिक टन धान इस वैरायटी का खरीदा गया था. इस हिसाब से बचे हुए खरीद के दिनों में केंद्र सरकार पिछले साल से कम धान खरीदेगी. ऐसा होने पर बहुत सारे किसानों का धान एमएसपी पर बिकने से बच जाएगा. सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि ये सब निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है.
उन्होंने हरियाणा चुनाव के दौरान बीजेपी का वादा दिलाया. बीजेपी नेताओं ने कहा था कि राज्य में धान की खरीद 3100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से होगी. मगर न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर किसानों का धान खरीदा जा रहा है.
न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपये प्रति क्विंटल भी नहीं मिल रहा है. सुरजेवाला ने कहा कि पंजाब में पिछले साल का स्टोरेज खाली नहीं किया गया. इसलिए धान की फसल को रखने के लिए जगह नहीं मिल रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में फूड सब्सिडी, फ्यूल सब्सिडी और फर्टिलाइजर सब्सिडी कम कर दी है.
केंद्र सरकार किसानों के साथ साथ आढ़ती, मजदूर और राइस मिलर्स को भी आंदोलन की सजा दे रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि एमएसपी पर फसल बेचने वाले किसानों का रजिस्ट्रेशन कम किया गया है.
सुरजेवाला ने कहा कि किसानों को गेहूं का बीज, डीएपी और यूरिया भी सही मात्रा में उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. कांग्रेस सांसद के मुताबिक पंजाब और हरियाणा में 9000 राइस मिलर्स को केंद्र सरकार बर्बाद करना चाह रही है.
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