Haryana News: दिल्ली समेत उत्तर भारत में वायु प्रदूषण (Air Pollution) के लिए पराली (Stubble Burning) को एक बड़ी वजह माना जा रहा है. इस वजह से पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना भी बढ़ा दिया गया है. इस पर कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा (Deepender Singh Hooda) का बयान आया है. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, '' प्रदूषण को लेकर एक पराली की ओर ध्यान केंद्रित किया जाता है वह उचित नहीं है.''


दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, '' जो सभी स्रोत हैं उन सभी स्रोतों पर एक संपूर्ण व्यवस्था सरकार द्वारा उठानी चाहिए. मैंने संसद में भी उठाया था. मैंने संसद में सवाल किए, जिस पर जवाब देते हुए सरकार ने इसके लिए नियम और योजनाएं बताई हैं लेकिन व्यापक बजट का प्रावधान नहीं किया गया है. इसके लिए बजट का प्रावधान किया जाना चाहिए."


क्या  फैक्ट्री की बिक्री पर लगेगी रोक - हुड्डा


उन्होंने आगे कहा, ''जब तक किसानों को एक ठोस समाधान नहीं देंगे, पराली तो हरियाणा का बड़ा मुद्दा नहीं है. लेकिन पराली पर ध्यान केंद्रित कर दिया जाता है. कानून बनाया है कि दो सीजन तक खरीद नहीं होगी.' जो फैक्ट्री प्रदूषण फैलाते हैं तो क्या उनकी बिक्री पर भी रोक लगाएगी सरकार,  वे तो सक्षम होते हैं. किसान तो सक्षम भी नहीं होते हैं. प्रदूषण का स्थायी समाधान ढूंढना चाहिए.''






इन राज्यों पर केंद्र का आदेश लागू


केंद्र  सरकार की ओऱ से पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माने की राशि बढ़ा दी गई है. बुधवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है जिसके मुताबिक प्रति घटना किसानों पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. पहले जुर्माने की राशि 2500 रुपये थी. दो से पांच एकड़ पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगता था जिसे बढ़ा कर अब 10 हजार रुपये कर दिया गया है. जबकि जिनके पास पांच एकड़ से ज्यादा जमीन है उन्हें 30 हजार रुपये देना होगा. केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने यूपी, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में इसे लागू करने का आदेश दिया है.


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