Haryana News: गुरुग्राम रोड पर धुनेला गांव में बनी आशियाना सोसायटी में शनिवार (11 जनवरी) की देर रात एक बजे तेंदुआ घुस आया. सोसायटी में तेंदुआ को घुसते हुए यहा पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने देखने के बाद स्थानीय पुलिस को सूचना दी. सोसायटी में घुसे तेंदुए को रेस्क्यू करने में वन्यजीव विभाग की टीम को करीब पांच घंटे का समय लगा.
सोसायटी में तेंदुआ घुस आने से हड़कंप मच गया. जिससे सोसायटी में तैनात सुरक्षा कर्मियों समेत यहां के निवासियों में दहशत का माहौल बन गया. तेंदुए के सोसायटी में घुस आने की सूचना स्थानीय भोंडसी थाना व वन्यजीव विभाग को दी. पुलिस और वन्यजीव विभाग की टीम अपने साथ पिंजरा लेकर सोसायटी में रात करीब डेढ़ पहुंच गई. खराब मौसम और बूंदाबांदी के बीच में तेंदुए को सोसायटी में तलाशी का अभियान बहुत ही सावधानी पूर्वक तरीके से रेस्क्यू चलाया गया.
खाने की तलाश या आपसी झगड़ा
वन्यजीव विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा जीव आबादी क्षेत्र में दो ही कारण से घुसता है. पहला कारण खाने की तलाश में आ जाते है. दूसरे के इलाके में घुस आने पर आपसी झगड़े में हार मानने वाली तेंदुआ राह भटक जाता है. वह जब तक उसे इलाका नहीं मिलता. तब तक भटकता रहता है.
डेढ़ माह से अलग-अलग स्थानों पर देखा तेंदुआ
जानकार सूत्रों के अनुसार उक्त नर तेंदुए को मैदानी क्षेत्र में पिछले करीब डेढ़ माह से अलग-अलग गांव में देखा जा रहा था. सबसे पहले सिरसका गांव में बना किसान के निजी फार्म हाउस में सुबह छह बजे देखा गया था. उसके बाद पास के गांव खेड़ला में भी एक मकान के मुख्य द्वार पर छलांग लगाते हुए देखा गया. यहा के किसानों ने जंगल में भी तेंदुए के पैरों के निशान देखे जा रहे थे. जिसकी सूचना ग्रामीण वन्यजीव विभाग को बराबर दी जाती रही थी. लेकिन उक्त तेंदुआ एक स्थान पर न रुकने के कारण पकड़ से बाहर ही रहा.
सायटी में से पकड़े गए तेंदुए को अरावली पहाड़ी के सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया है. पकड़ा गया तेंदुआ सुरक्षित और करीब साढ़े तीन वर्ष का नर था.
सोसायटी में तेंदुआ घुस आने से हड़कंप मच गया. जिससे सोसायटी में तैनात सुरक्षा कर्मियों समेत यहां के निवासियों में दहशत का माहौल बन गया. तेंदुए के सोसायटी में घुस आने की सूचना स्थानीय भोंडसी थाना व वन्यजीव विभाग को दी. पुलिस और वन्यजीव विभाग की टीम अपने साथ पिंजरा लेकर सोसायटी में रात करीब डेढ़ पहुंच गई. खराब मौसम और बूंदाबांदी के बीच में तेंदुए को सोसायटी में तलाशी का अभियान बहुत ही सावधानी पूर्वक तरीके से रेस्क्यू चलाया गया.
खाने की तलाश या आपसी झगड़ा
वन्यजीव विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा जीव आबादी क्षेत्र में दो ही कारण से घुसता है. पहला कारण खाने की तलाश में आ जाते है. दूसरे के इलाके में घुस आने पर आपसी झगड़े में हार मानने वाली तेंदुआ राह भटक जाता है. वह जब तक उसे इलाका नहीं मिलता. तब तक भटकता रहता है.
डेढ़ माह से अलग-अलग स्थानों पर देखा तेंदुआ
जानकार सूत्रों के अनुसार उक्त नर तेंदुए को मैदानी क्षेत्र में पिछले करीब डेढ़ माह से अलग-अलग गांव में देखा जा रहा था. सबसे पहले सिरसका गांव में बना किसान के निजी फार्म हाउस में सुबह छह बजे देखा गया था. उसके बाद पास के गांव खेड़ला में भी एक मकान के मुख्य द्वार पर छलांग लगाते हुए देखा गया. यहा के किसानों ने जंगल में भी तेंदुए के पैरों के निशान देखे जा रहे थे. जिसकी सूचना ग्रामीण वन्यजीव विभाग को बराबर दी जाती रही थी. लेकिन उक्त तेंदुआ एक स्थान पर न रुकने के कारण पकड़ से बाहर ही रहा.
सायटी में से पकड़े गए तेंदुए को अरावली पहाड़ी के सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया है. पकड़ा गया तेंदुआ सुरक्षित और करीब साढ़े तीन वर्ष का नर था.
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