Haryana Vidhan Sabha News: हरियाणा विधानसभा में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायकों द्वारा पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान सरकारी नौकरियों में भर्ती के दौरान कथित अनियमितताओं का मामला उठाने के बाद हंगामा हो गया.


कांग्रेस विधायकों ने सत्तारूढ़ दल के विधायकों की टिप्पणियों पर आपत्ति जताई और बाद में सदन से बहिगर्मन किया. शून्यकाल के शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया.






बीजेपी विधायक ओ.पी. यादव ने अदालत के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष 2008 में जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब पुलिस भर्ती में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी को गलत तरीके से सरकारी नौकरी देने से मना कर दिया गया और नौकरी किसी और को दे दी गई.


'योग्यता के आधार पर नहीं दी जाती थीं नौकरियां'
संसदीय कार्य मंत्री महिपाल ढांडा ने अपनी पार्टी के विधायक के इस दावे का समर्थन किया कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान योग्यता के आधार पर नौकरियां नहीं दी जाती थीं. उन्होंने तत्कालीन भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा.


सदन में जब इस मुद्दे पर हंगामा हुआ तब हुड्डा सदन में मौजूद नहीं थे. सदन में मौजूद कांग्रेस सदस्यों ने बीजेपी विधायकों के इस दावे पर कड़ी आपत्ति जताई और सत्ताधारी पार्टी के विधायकों से बहस की.


मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शोर-शराबा के बीच हस्तक्षेप करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस के समय में सरकारी नौकरियां देने में किस तरह से पक्षपात किया जाता था. सैनी ने कहा कि अदालत ने स्वीकार किया कि शीर्ष स्थान हासिल करने वाले युवक को नौकरी नहीं मिली, बल्कि किसी और को दी गयी. उन्होंने कहा कि यह मामला 2008 की भर्ती से जुड़ा है.


मंत्री अनिल विज ने किया कटाक्ष
हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज भी बहस में शामिल हो गए. विज ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘वे युवाओं के भविष्य के साथ कैसे खिलवाड़ करते थे.’’रघुवीर सिंह कादियान, कुलदीप वत्स, आफताब अहमद और विपक्षी पार्टी के अन्य सदस्यों सहित कांग्रेस सदस्यों ने बीजेपी सदस्यों की टिप्पणियों का विरोध किया. करीब 20 मिनट तक चले हंगामे के बाद शून्यकाल जारी रहा.


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