BJP नेता जवाहर यादव नहीं लड़ेंगे हरियाणा विधानसभा चुनाव, खुद बताया- 'पार्टी की तरफ से मुझे...'
Haryana Election 2024: जवाहर यादव ने कहा कि वह चुनाव नहीं लड़ रहा हैं. उन्होंने अपने समर्थकों से निवेदन किया है कि बीजेपी जिसको भी प्रत्याशी बना कर भेजे, उसे जिताने में सहयोग करें.
Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी बुधवार (4 सितंबर) शाम तक पहली लिस्ट जारी कर सकती है. बीजेपी की लिस्ट आने से पहले बादशाहपुर विधानसभा सीट से अपनी दावेदारी पेश करने वाले जवाहर यादव ने चुनाव न लड़ने का फैसला किया है. इसी के साथ अब बादशाहपुर सीट से पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह की दावेदारी और मजबूत हो गई है.
जवाहर यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, "मैं चुनाव नहीं लड़ रहा हूं. सभी आदरणीय बंधु/भगनी और मित्र साथी बादशाहपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने की मेरी तैयारी में आप सभी साथियों ने मेरा बहुत साथ दिया, जिसके लिए मैं जीवन भर आपका आभारी रहूंगा."
उन्होंने कहा, "पार्टी की तरफ से मुझे 26 अगस्त को संदेश मिला कि मैं चुनाव नहीं लड़ रहा हूं. ऐसे में मेरा साथियों से निवेदन है कि बीजेपी जिसको भी प्रत्याशी बना कर भेजें, हम सब उसको जिताने में अपना सहयोग दें. आप सभी सरदारी, माता, बहनों, मित्रों खासकर दलित बहन/भाई और पार्टी कार्यकर्ताओं का विशेष आभार."
मैं चुनाव नहीं लड़ रहा हु । pic.twitter.com/MfyRRs10ud
— Jawahar Yadav (@jawaharyadavbjp) September 3, 2024
दरअसल, इस क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के OSD जवाहर यादव, पार्टी के जिला अध्यक्ष कमल यादव और पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह ने अपनी दावेदारी पेश की थी. फिलहाल अब जवाहर यादव के चुनाव न लड़ने के ऐलान के बाद राव नरबीर सिंह को टिकट मिल सकता है. बता दें नरबीर सिंह ने टिकट न मिलने पर पार्टी छोड़ने तक का फैसला कर लिया था, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद यह तय हो गया है कि वह पार्टी में ही रहेंगे.
हरियाणा में चुनाव कब?
बादशाहपुर क्षेत्र में 4.5 लाख मतदाता हैं जो कि हरियाणा में सबसे अधिक है. तीन बीजेपी नेताओं की अपेक्षा इस बात से बढ़ गई थी कि हाल की लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने यहां सबसे अधिक वोट (1.2 लाख वोट) हासिल किए थे. बता दें कि हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 5 अक्तूबर को वोटिंग होनी है. नतीजे 8 अक्तूबर को घोषित किए जाएंगे.
पहले सभी सीटों पर 1 अक्तूबर को वोटिंग होनी थी और नतीजे 4 अक्तूबर को घोषित किए जाने थे. लेकिन बाद में बिश्नोई समाज के परंपरा का सम्मान करते हुए चुनाव आयोग ने तारीखों को बढ़ाने का फैसला किया. बीजेपी और इनेलो ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर तारीखों में बदलाव करने की अपील की थी.