Kumari Selja: क्या हरियाणा चुनाव में कुमारी सैलजा सीएम फेस की रेस से बाहर हो गईं हैं? समझें
Kumari Selja News: हरियाणा के सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. आखिरी सूची के नाम से यह अब साफ हो गया है. सैलजा ने खुद चुनाव लड़ने की हालांकि इच्छा जताई थी.
Kumari Selja Latest News: सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा (Kumari Selja) हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ेंगी या नहीं, इसको लेकर तस्वीर साफ हो गई है. कांग्रेस की चौथी सूची में उनका नाम नहीं हैं. कुमारी सैलजा सीएम बनने की इच्छा भी जता चुकी हैं. ऐसे में जब विधायकी के चुनाव में ही उन्हें मौका नहीं दिया गया तो क्या वह सीएम फेस की रेस से बाहर हो गई हैं? हाल के समय के घटनाक्रमों और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बयानों के आधार पर इसे समझने की कोशिश करते हैं.
हरियाणा कांग्रेस में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दबदबा रहा है. यहां चुनाव के दौरान खेमेबाजी भी नजर आई. विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले हरियाणा में कांग्रेस की ओर से यात्रा निकाली गई, जिसमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खेमे से अलग और कुमारी सैलजा अलग यात्रा करती नजर आईं. इसको लेकर कुमारी सैलजा का शिकायती रुख भी सामने आया था. उनकी नाराजगी की बात भी आ रही थी. लेकिन पार्टी नेतृत्व की ओर से और खुद कुमारी सैलजा ने कहा कि पार्टी एकजुट है.
लोकसभा चुनाव के बाद से है चर्चा
लोकसभा चुनाव में जीत के बाद से कुमारी सैलजा हरियाणा में बड़ा चेहरा बनकर उभरी हैं. सांसद बनने के बाद भी हरियाणा विधानसभा चुनाव में उनकी चर्चा होने लगी, क्योंकि उन्होंने खुद चुनाव लड़ने की इच्छा जताई और सीएम बनने के सवाल पर कहा कि ऐसी इच्छा रखने में बुरा क्या है, लेकिन फैसला तो हाईकमान करेगा.
टिकट बंटवारे में पेंच फंस गया. ना तो उन्हें विधानसभा का टिकट दिया गया और ना ही उनके खेमे के लोगों का टिकट बंटवारे में वर्चस्व दिखा. टिकट बंटवारे में भूपेंद्र सिंह हुड्डा भारी पड़े. वहीं, उनके सीएम फेस बनने के रास्ते में भी हुड्डा खेमा आगे है जो उनके सीएम चेहरा बनने के खिलाफ है.
फिर भी सीएम फेस की दौड़ में बनी रहेंगी सैलजा
हालांकि कुमारी सैलजा के विधानसभा चुनाव ना लड़ने की अटकलें तभी से लग रही थीं, जब पार्टी नेतृत्व की तरफ से बयान आया था कि सांसदों को विधानसभा का टिकट नहीं दिया जाएगा. हालांकि, राहत की बात यह रही कि हरियाणा प्रभारी ने कहा कि जो चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि वह सीएम चेहरा नहीं बन सकते, जिनके पास विधायकों का साथ और आलाकमान का आशीर्वाद है वह बिना चुनाव लड़े भी सीएम बन सकता है. ऐसे में कांग्रेस की जीत की स्थिति में वह सीएम चेहरे की रेस में बनी रह सकती हैं क्योंकि वह बड़ी दलित चेहरा हैं. एक महिला और दलित को सीएम चेहरा बनाकर कांग्रेस अच्छा संदेश भी देने की कोशिश कर सकती है.
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