Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में अब बेहद कम समय रह गया है. इस चुनाव में कई ऐसी सीटें हैं जहां, मुकाबला बेहद रोचक होने के आसार हैं. इसमें से एक है उचाना कलां. उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र में बड़ा सियासी मुकाबला देखने को मिलेगा जहां एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी दो प्रमुख सियासी परिवार आमने-सामने हैं. दरअसल, यहां एक तरफ पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल के पड़पोते दुष्यंत सिंह चौटाला हैं तो दूसरी तरफ पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह हैं.
हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेता दुष्यंत सिंह चौटाला इस निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा विधायक हैं. चौटाला यहां से फिर से चुनाव जीतना चाहते हैं. वह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पोते हैं. वहीं दुष्यंत चौटाला के खिलाफ नौकरशाह से नेता बने और कांग्रेस उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह हैं. वह और उनके पिता बीरेंद्र सिंह इस साल की शुरुआत में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
किसान नेता के पोते ने चार दशक बाद बदला पाला
उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र राज्य के राजनीतिक गढ़ माने जाने वाले जींद जिले में आता है. किसान नेता सर छोटू राम के पोते बीरेंद्र सिंह 2014 में हरियाणा चुनाव से पहले कांग्रेस के साथ अपने चार दशक पुराने रिश्ते को तोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे.
बीरेंद्र सिंह के परिवार का गढ़ माना जाता रहा उचाना कलां
उचाना कलां विधानसभा सीट पर दुष्यंत चौटाला की जीत से पहले यह सीट बीरेंद्र सिंह परिवार का गढ़ मानी जाती थी. पूर्व केंद्रीय मंत्री खुद इस निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे हैं. उनके बेटे बृजेंद्र सिंह पार्टी छोड़ने से पहले हिसार से बीजेपी सांसद थे. 2019 में दुष्यंत चौटाला हिसार संसदीय सीट से उनसे चुनाव हार गए थे. हालांकि, बृजेंद्र सिंह उचाना कलां से दुष्यंत चौटाला को अपने मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में नहीं देखते हैं. उन्होंने कहा कि मुख्य मुकाबला बीजेपी से है.
बीजेपी ने देवेंद्र चतरभुज को दिया टिकट
हरियाणा में सत्तारूढ़ बीजेपी ने उचाना कलां सीट से देवेंद्र चतरभुज अत्री को अपना उम्मीदवार बनाया है. दुष्यंत चौटाला ने इस सीट पर साल 2019 में विजय हासिल की थी और बृजेंद्र सिंह की माता प्रेम लता सिंह को 47 हजार से अधिक वोट से हराया था. प्रेम लता ने चौटाला को साल 2014 में हराया था.
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