Haryana Vidhan Sabha Chunav 2024: हरियाणा में टिकट बंटवारे से पहले ही बीजेपी में बगावत के सुर नजर आने लगे हैं. कई नेताओं ने टिकट को लेकर तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. इसी बीच पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर सिंह का भी बयान आया है. उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी में कुछ ऐसे लोग हैं जो मेरे पक्ष में हैं, जबकि कुछ ऐसे भी हैं जो मेरे खिलाफ हैं. लेकिन, मैं निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ूंगा. हरियाणा में दो पार्टियां हैं- बीजेपी और कांग्रेस. अगर एक पार्टी ने मुझे टिकट देने से इनकार कर दिया तो मैं दूसरी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ूंगा.



कौन हैं राव नरबीर सिंह?
राव नरबीर सिंह बीजेपी के कार्यकाल में पीडब्ल्यूडी मंत्री रह चुके हैं. मंत्री होने के बावजूद 2019 के चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया था, उनकी जगह दौलताबाद विधानसभा सीट से बीजेपी के युवा नेता मनीष यादव को टिकट दिया गया था. लेकिन, इस चुनाव में मनीष यादव भी हार गए थे और निर्दलीय उम्मीदवार राकेश दौलताबाद ने जीत दर्ज की थी. लोकसभा चुनाव के दौरान राकेश दौलताबाद का हार्ट अटैक से निधन हो चुका है.


राव नरबीर के दिल में 2019 के चुनाव में टिकट कटने की टीस अब भी सामने आ रही है. इसको लेकर उन्होंने पहले ही अपनी मंशा साफ कर दी है कि अगर इस बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वे कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. राव नरबीर सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राव दान सिंह के समधी हैं. राव नरबीर की बेटी का विवाह राव दान सिंह के बेटे के साथ हुआ है.


बता दें कि राव नरबीर सिंह का बयान ऐसे समय में सामने आया है, जब अहीरवाल में बीजेपी में टिकटों को लेकर पेच फंसा हुआ है. अहीरवाल में 20 सीटें आती हैं. यहां पूर्व मुख्यमंत्री राव वीरेंद्र सिंह के बेटे राव इंद्रजीत सिंह का प्रभाव है. 2024 के लोकसभा चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह ने छठी बार गुरुग्राम सीट से चुनाव जीता है. राव इंद्रजीत सिंह अहीरवाल क्षेत्र में फ्री हैंड चाहते हैं. ऐसे में देखना यह होगा कि राव इंद्रजीत सिंह भारी पड़ते हैं या फिर राव नरबीर संह को बीजेपी छोड़ने पर विवश होना पड़ता है.


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