(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
हरियाणा की महिला पहलवानों को विनेश फोगाट से है ये खास उम्मीद, देख रहीं नए सपने! कहा- 'बनें खेल मंत्री'
Haryana Election 2024: डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के मद्देनजर हरियाणा के अखाड़ों की तस्वीर भी पहले की उपेक्षा बदल गई है. अब विनेश से महिला पहलवानों की नई उम्मीद जगी है.
Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा की कई युवा महिला पहलवान, विशेषकर डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के मद्देनजर अपने करियर के बारे में पुनर्विचार कर रहीं पहलवान चाहती हैं कि विनेश फोगाट खेल मंत्री बनें ताकि उन्हें अखाड़ों में वापसी करने में मदद मिले. कुश्ती के अखाड़े एक समय युवा लड़कों और लड़कियों से भरे हुआ करते थे, जिनका एक ही लक्ष्य होता था- बड़ी प्रतियोगिताओं में पदक जीतना और उसके बाद सरकारी नौकरी पाना. हालांकि, जनवरी 2023 में फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया समेत शीर्ष पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के बाद चीजें बदल गईं.
प्रदर्शनों के दौरान, जूनियर महिला पहलवानों को कथित रूप से परेशान करने के लिए भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के तत्कालीन सांसद बृजभूषण शरण सिंह के इस्तीफे की मांग की गई. इसके बाद से अखाड़ों में युवा महिला पहलवानों के बीच पहलवानी छोड़ने की प्रवृत्ति बढ़ रही है.
क्या कहती हैं अखाड़े की महिला पहलवान?
सोनीपत जिले में युद्धवीर अखाड़े में प्रशिक्षण ले रही एक युवा महिला पहलवान ने कहा कि मैं विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद पांच महीने तक यहां नहीं आई, क्योंकि मेरे माता-पिता ने मुझे प्रशिक्षण जारी रखने की अनुमति नहीं दी थी. युद्धवीर अखाड़ा लड़कियों के लिए सबसे बड़ा अखाड़ा है. पहलवान ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर कहा मैंने किसी तरह उन्हें प्रशिक्षण फिर से शुरू करने के लिए मना लिया है, लेकिन अब जब तक मैं यहां रहती हूं वह मेरे साथ रहते हैं. उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा हमें उम्मीद है कि जब विनेश फोगाट निर्वाचित होंगी, तो उन्हें खेल मंत्री बनाया जाएगा क्योंकि वह महिला पहलवानों के सामने आने वाली चुनौतियों को समझती हैं.
‘महिला पहलवानों की संख्या में आई गिरावट’
विनेश फोगाट हरियाणा में जींद जिले के जुलाना से विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं. रोहतक के मेहर सिंह अखाड़े में प्रशिक्षण के लिए आने वाली युवा पहलवानों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट आई है. अखाड़े के मालिक मोहित मलिक ने कहा कि 2024 के पेरिस ओलंपिक में फोगाट के प्रदर्शन के बाद वे माता-पिता प्रेरित हुए होंगे जो अपनी बेटियों को अखाड़ों में भेजने को लेकर संशय में हैं. फोगाट पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पद पाने से चूक गई थीं.
मोहित मलिक ने कहा कि राज्य में बेरोजगारी है और सरकारी नौकरी पाने का एक तरीका खेल है, ऐसा आम लोगों का मानना है. अखाड़ों के लिए धन भी स्थानीय निवासियों या व्यक्तियों से मिलता है और सरकार का समर्थन बहुत सीमित है. हालांकि, फोगाट मलिक के निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ रही हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि फोगाट को उनके साथ-साथ राज्य के कई पहलवानों और अखाड़ों के प्रशिक्षकों का भी समर्थन प्राप्त है. उन्होंने कहा हमें अपने बीच से ही किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो विधानसभा में हमारी आवाज बन सके.
‘जुलाना रोजगार और कुश्ती के लिए जाना जाए’
वहीं विधानसभा प्रचार के दौरान विनेश फोगाट की भी एक प्रतिक्रिया आई जींद के सिवाहा गांव में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहतीं कि जुलाना को सिर्फ उनके कारण जाना जाए. लोग कह रहे हैं कि जुलाना अब प्रसिद्ध हो गया है, क्योंकि मैं चुनाव लड़ रही हूं. मैं चाहती हूं कि जुलाना रोजगार और कुश्ती के लिए जाना जाए, न कि विनेश के लिए. चरखी दादरी में जन्मीं फोगाट पेरिस ओलंपिक से लौटने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गई थीं. उन्हें महिलाओं की 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
‘विनेश धारणा को तोड़ने में सफल होंगी’
झज्जर में दादा श्याम अखाड़ा भी चुनाव में फोगाट की जीत पर दांव लगा रहा है. दादा श्याम अखाड़े के वीरेंद्र भूरिया ने कहा उन्होंने महिला पहलवानों के लिए पहले ही एक मानक स्थापित कर दिया है. हमें उम्मीद है कि जब वह निर्वाचित होंगी, तो अपने समुदाय और पहलवानों के लिए खड़े होकर अन्य राजनीतिज्ञों के लिए एक उदाहरण स्थापित करेंगी. उन्होंने कहा पहलवानों को खिलाड़ी या संघर्षशील व्यक्ति के रूप में देखा जाता है, लेकिन राजनीतिज्ञ के रूप में नहीं. हमें विश्वास है कि विनेश इस धारणा को तोड़ने में सफल होंगी.
कविता दलाल से है विनेश का मुकाबला
फोगाट अपने निर्वाचन क्षेत्र में व्यापक प्रचार कर रही हैं और समर्थन मांगने के लिए विभिन्न अखाड़ों में जा रही हैं. आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार कविता दलाल जुलाना में फोगाट से मुकाबला कर रही हैं. दलाल ‘वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट’ (डब्ल्यूडब्ल्यूई) में प्रतिस्पर्धा करने वाली पहली महिला पहलवान हैं. दलाल ने 2016 के दक्षिण एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था और पेशेवर कुश्ती में जाने से पहले भारोत्तोलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. कविता दलाल 2017 से 2021 तक डब्ल्यूडब्लयूई के साथ रहीं.
बीजेपी के योगेश बैरागी भी मैदान में
बीजेपी ने इस सीट से भारतीय सेना के पूर्व कैप्टन और कमर्शियल पायलट योगेश बैरागी को मैदान में उतारा है. फोगाट राज्य की पहली महिला पहलवान नहीं हैं जो राजनीति में शामिल होकर चुनाव लड़ रही हैं. उनकी चचेरी बहन बबीता फोगाट ने 2019 में चरखी दादरी से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए पांच अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे आठ अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.