Haryana Election Results: हरियाणा के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है जब कोई पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी. ऐसा कारनाम पहले कोई और पार्टी नहीं कर पाई है. वहीं, कांग्रेस के लिए यह बेहद ही हैरान कर देने वाला रिजल्ट रहा क्योंकि वह अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थी. शुरुआती रुझान भी उसके पक्ष में जा रहे थे लेकिन सुबह 11 बजे के करीब बाजी बिल्कुल पलट गई. बीजेपी ने बहुमत का जो आंकड़ा रुझानों में छुआ, वह नतीजों में भी तब्दील हो गया. यह चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए भी हैरानी भरा रहा है. यहां वह खाता तक नहीं खोल पाई. जबकि अरविंद केजरीवाल के गृह क्षेत्र लोहारू में आप प्रत्याशी को केवल 593 वोट मिले.
1. चुनाव के परिणाम ने दिखाया है कि किस तरह बीजेपी ने साल दर साल अपने वोट शेयर में वृद्धि की है. हम आपके सामने 1996 से लेकर अब तक के चुनाव का डेटा पेश कर रहे हैं.
2024: 39.91%*
2019: 36.49%
2014: 33.20%
2009: 9.04%
2005: 10.36%
2000: 8.94%
1996: 8.88%
2.प्रो-इन्कंबेंसी
पूरे चुनाव के दौरान जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा हुई वह थी एंटी-इन्कंबेंसी रही है. कांग्रेस दावा कर रही थी कि एंटी-इम्कंबेंसी है और बीजेपी सत्ता से बाहर हो जाएगी. लेकिन हरियाणा में प्रो-इन्कंबेंसी देखी गई. बीजेपी के वोट शेयर में 2019 के मुकाबले 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और 2014 के मुकाबले यह छह प्रतिशत अधिक है.
3. दलित सीट पर बीजेपी को बढ़त
बीजेपी ने हरियाणा के आरक्षित 15 में से 9 सीटों पर जीत दर्ज की है. ये 15 सीट वे हैं जो कि दलितों के लिए आरक्षित हैं.
4. हुड्डा के गढ़ में कांग्रेस की गिरी साख
इस चुनाव में यह देखा गया है कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का अपने गढ़ सोनीपत में दबदबा बरकरार नहीं रह पाया. यहां कांग्रेस छह में से पांच सीटें हार गई. यहां की चार सीट बीजेपी और एक निर्दलीय ने जीती है.
5. महिला वोटरों ने भी बीजेपी की जीत में बड़ा योगदान दिया है. पांच ऐसी सीटें हैं जहां 70 फीसदी से अधिक महिला मतदाताओं ने वोट डाला. ये सभी सीटें बीजेपी जीत गई.
लाडवा में 75% महिला वोट
पुंडरी में 70% महिला वोट
उचाना कलां में 75% महिला वोट
महेंद्रगढ़ में 73.26% महिला वोट
कालका में 70% महिला वोट
6. कांग्रेस को बागियों से हुआ नुकसान. ऐसी 17 सीटें हैं जहां कांग्रेस बागियों के कारण हारी है.
1.कालका- में हार जीत का अंतर 11 हजार का था और बागी को 32 हजार वोट मिले.
2. पुंडरी में कांग्रेस तीसरे पायदान पर रही. यहां बागी को 40 हजार वोट मिले.
3. राई में हार-जीत का अंतर 4.5 हजार था. विद्रोही को 12 हजार मिले.
4. गोहाना में 10 हजार के अंतर से कांग्रेस हारी. यहां बागी को 15 हजार वोट मिले.
5. सफिदों में हार और जीत का अंतर महज चार हजार था. कांग्रेस के बागी को 29 हजार वोट मिले.
6. दादरी में कांग्रेस दो हजार वोट से हार मिली. जबकि बागी को छह हजार वोट मिले थे.
7. तिगांव में कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही. कांग्रेस के बागी को 57 हजार वोट मिले.
8. अंबाला कैंट में कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही. बागी को 53 हजार वोट मिले. बीजेपी के प्रत्याशी केवल 7 हजार के वोट से जीते.
9. असंध में कांग्रेस को 2 हजार वोट से मात मिली जबकि बागी के खाते में 16 हजार वोट गए.
10. उछाना कलां में हार-जीत का अंतर 39 वोट रहा और बागी को 32 हजार वोट गए.
11. बधरा में कांग्रेस प्रत्याशी 7.5 हजार वोट से हारे. यहां कांग्रेस के बागी को 32 हजार वोट मिले थे.
12. महेंद्रगढ़ में कांग्रेस दो हजार वोटों से हारी. बागी को 21 हजार वोट गए.
13. सोहना में हार और जीत का अंतर 11 हजार था. बागी के खाते में 70 हजार वोट गए.
14. बल्लभगढ़ में कांग्रेस चौथे स्थान पर रही. बागी दूसरे स्थान पर रहे और उन्हें 44 हजार वोट मिले.
15. डबवाली में कांग्रेस प्रत्याशी को 610 वोटों से मात मिली. यहां बागी को दो हजार वोट मिले थे.
16. रानिया में चार हजार वोटों से कांग्रेस हारी जबकि बागी को 36 हजार वोट मिले थे.
17. बहादुरगढ़ में कांग्रेस के बागी को जीत मिली. कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे.
7. आप की जमानत हुई जब्त
हैरान करने वाले नतीजे तो आम आदमी पार्टी के लिए भी रहे. वह किसी भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई. यहां तक कि किसी पर दूसरे स्थान पर भी नहीं रही. निर्वाचन आयोग के मुताबिक 13 सीटों पर तीसरे, 23 सीटों पर चौथे, 25 सीटों पर पांचवें, 17 सीटों पर छठे, चार सीटों पर सातवें, चार सीटों पर आठवें, एक सीट पर नौ और 1 सीट पर 11वें नंबर पर रही.
सबसे ज्यादा चौंकाने वाले नतीजे लोहरू के रहे जो कि आप संयोजक अरविंद केजरीवाल का घर भी है .यहां आप प्रत्याशी को केवल 593 वोट मिले, सात सीटों पर आप को नोटा से भी कम वोट मिले.
8. चौटाला के परिवार का करिश्मा खत्म?
पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला उचाना कलां में बुरी तरह हारे. वह यहां पांचवें स्थान पर रहे. वहीं, उनके भाई दिग्विजय चौटाला को भी हार का सामना करना पड़ा. उधर, चाचा अभय सिंह चौटाल भी ऐलनाबाद से हार गए हैं.
9. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हारे
कांग्रेस के कई कद्दावरों को हार का सामना करना पड़ा है इनमें प्रदेश अध्यक्ष उदयभान भी हैं जो चुनाव हार गए हैं. वह अपने एक बयान के कारण चर्चा में थे. उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो नौकरी में कोटा सिस्टम लाया जाएगा.
10. किसान आंदोलन का नहीं दिखा असर
विरोधी ये मानकर चल रहे थे किसान आंदोलन का चुनाव पर व्यापक असर देखा जाएगा, हालांकि ऐसा धरातल पर नजर नहीं आया. यहां तक किसान नेता गुरनाम सिंह चरुनी भी चुनाव हार गए जिन्हें किसान आंदोलन का बड़ा चेहरा पेश किया जा रहा था. उन्हें केवल 1170 वोट मिले.
11. राहुल गांधी की यात्रा नहीं छोड़ पाई छाप?
राहुल गांधी ने हरियाणा में विजय संकल्प यात्रा के दौरान 12 सीटों का दौरा किया था. इनमें से 7 सीट कांग्रेस हार गई. इनमें बहादुरगढ़, सोनीपत, सधौरा, लाडवा, खारखौदा, गन्नौर और गोहाना है.
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