हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों में कोई बदलाव नहीं होगा. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी. बीजेपी और इनेलो ने तारीख बदलने की मांग की थी. पहले से निर्धारित 1 अक्टूबर को मतदान होगा और 4 अक्टूबर को मतगणना होगी. बता दें कि छुट्टियों का हवाला देते हुए बीजेपी और इनेलो ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी थी. इसमें आयोग से अपील की गई थी वोटिंग प्रतिशत पर छुट्टियों का असर न हो, इसके लिए चुनाव की तारीख को आगे बढ़ाई जानी चाहिए.


कांग्रेस ने बीजेपी तरफ से हरियाणा चुनाव की तारीखों को बढ़ाने की मांग पर निशाना साधा था. कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी अभी से चुनाव में हार मान चुकी है, इसलिए तारीखों को आगे बढ़ाने की मांग कर रही है. कांग्रेस ने ये भी दावा किया कि हरियाणा की जनता बीजेपी को सत्ता से बाहर करने का मन बना चुकी है और वोटिंग के दिन का इंतजार कर रही है.


वहीं, बीजेपी ने दलील दी कि अगर छुट्टियों के बाद वोटिंग हुई तो वोटिंग प्रतिशत में इजाफा होगा. बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस इस बात से डरी हुई है कि हरियाणा में ज्यादा वोटिंग प्रतिशत न हो.


हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया 5 सितंबर से शुरू हो जाएगी. टिकट बंटवारे पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों का मंथन जारी है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही राष्ट्रीय दलों ने अभी तक किसी पार्टी से राज्य के चुनाव में गठबंधन करने की घोषणा नहीं की है.


वहीं, दुष्यंत चौटाला की जेजेपी और यूपी के नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन हो चुका है. मायवती की बीएसपी हरियाणा विधानसभा चुनाव में इनेलो के साथ गठबंधन पर मुहर लगा चुकी है. बीएसपी ने चार सीटों पर अपने उम्मीदवार भी घोषित कर दिए हैं.


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