हरियाणा में बीजेपी ने पूर्व गृहमंत्री और पार्टी के सीनियर नेता अनिल विज पर एक बार फिर भरोसा जताया है. अंबाला कैंट से पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है. टिकट की घोषणा के बाद उन्होंने कहा कि और ज्यादा मेहनत के साथ काम करेंगे और पार्टी को आगे बढ़ाएंगे. उन्होंने हरियाणा में तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनने का भी दावा किया.


पार्टी की पहली लिस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, "मैंने सारी लिस्ट देखी है. बहुत अच्छे कैंडिडेट्स को चुनाव में हमारी पार्टी ने उतारे हैं. इसको देखकर मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार हरियाणा में बनने जा रही है."


अनिल विज ने ये भी कहा, "और ज्यादा काम करेंगे. और ज्यादा लोगों का विश्वास जीतेंगे. और ज्यादा पार्टी को आगे लेकर जाएंगे. और ज्यादा मेहनत करेंगे. काम किया है, काम करेंगे. यही मेरा मुख्य नारा रहा है और मैंने काम करके दिखाया है." 


अनिल विज का सियासी सफर


अनिल विज की सियासी कद का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि साल 2014 के विधानसभा चुनाव नतीजों में बीजेपी को मिली जीत के बाद सीएम की रेस में उनका नाम सबसे आगे चल रहा था. बाद में मनोहर लाल खट्टर को विधायक दल का नेता चुना गया. अनिल विज पहली बार 1990 में विधायक बने. तब उन्होंने उपचुनाव जीतने में कामयाबी हासिल की थी.


इसके बाद 1996 और साल 2000 में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीता हासिल की. 2005 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 2009 में वो बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतरे और अंबाला कैंट से विजेता बने. 2014 में भी उन्होंने जीत हासिल की. 2019 में फिर चुनाव जीते और हरियाणा के गृहमंत्री बने.


इस साल जब बीजेपी ने नायब सिंह सैनी को मनोहर लाल खट्टर की जगह सीएम चुना तो अनिल विज नाराज हो गए थे. उनकी नाराजगी सुर्खियां बन गईं. हालांकि बाद में पार्टी उन्हें मनाने में कामयाब रही.


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