Exit Poll 2024: हरियाणा में BJP को क्यों हो रहा नुकसान, मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ नाराजगी या सत्ता विरोधी लहर? समझें गणित
Haryana Exit Poll Result 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के तमाम एग्जिट पोल में बीजेपी बुरी तरह पिछड़ती दिख रही है और कांग्रेस सरकार बनाती दिख रही है. इसकी कई वजह हैं.
Haryana Exit Poll Result 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को सभी 90 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है. वोटिंग के बाद एग्जिट पोल के नतीजे भी सामने आ गए हैं. एग्जिट पोल्स ने हरियाणा में कांग्रेस की बड़ी जीत का अनुमान लगाया है. किसी भी सर्वे में बीजेपी बढ़त बनाते हुए नहीं दिखी. इसके बावजूद, एग्जिट पोल के नतीजों को खारिज करते हुए सीएम नायब सिंह सैनी और बीजेपी के अन्य नेता दावा कर रहे हैं कि उनकी पार्टी तीसरी बार सरकार बनाएगी.
क्यों BJP बुरी तरह हारती दिख रही है?
एबीपी न्यूज के वरिष्ठ पत्रकार दिबांग के अनुसार, अगर बात करें हरियाणा के किसानों की, खिलाड़ी की, दलितों की, बेरोजगार की, दलितों की, अग्निवीर की और पहलवानों की तो वो सरकार से नाराज हैं ये साफ दिखाई दे रहा है. इस नाराजगी की वजह से बीजेपी इस आकंड़े पर पहुंची है. अगर ये नाराजगी नहीं होती तो ये आंकड़ा नहीं होता.
हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर किसके खिलाफ?
हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ थी या बीजेपी के 10 साल के शासन के खिलाफ, इसे लेकर एबीपी न्यूज के वरिष्ठ पत्रकार दिबांग ने बताया कि प्रदेश के जो वर्ग नाराज चल रहे थे, उनकी नाराजगी कम करने की कोई बड़ी कोशिश बीजेपी ने की नहीं. क्योंकि लोकसभा के जो परिणाम आए, उससे वो हस्तप्रभ थे कि वो उसके बारे में सोच तक नहीं पाए. जबकि 2019 के चुनाव में चाहे जाट, गुर्जर, दलित हो या यादव हों, उसमें बीजेपी का मत प्रतिशत 50 फीसदी भी ज्यादा है.
2024 के किसी भी चुनाव में बीजेपी 50 प्रतिशत तक नहीं पहुंच पाई. बीजेपी को सिर्फ उनके ट्रेडिशनल वोटर ने वोट किया. इसके अलावा बीजेपी को कहीं भी 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट नहीं मिले.
कांग्रेस को किस चीज से फायदा मिला?
एग्जिट पोल के आंकड़ों में कांग्रेस की सरकार बनना लगभग तय दिख रही है. इसे कांग्रेस के नेतृत्व का करिश्मा माना जाए या बीजेपी के खिलाफ विरोध की लहर का असर? इसको लेकर वरिष्ठ पत्रकार बलवंत तक्षक ने कहा कि हरियाणा के लोग बीजेपी के 10 साल के शासन से ऊब गए थे. दूसरा जो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा है, उसका जनता से कैसा व्यवहार है. मनोहर लाल खट्टर को कई मौकों पर लोगों से अनुचित व्यवहार करते हुए देखा था, जबकि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का लोगों के प्रति सहज व्यवहार देखा गया. दोनों मुख्यमंत्रियों के 10-10 साल के राज की बात करें तो लोग हुड्डा को सही मानते हैं. बलवंत तक्षक ने दावा किया कि कांग्रेस 60 से ज्यादा सीटें जीत सकती है.