हरियाणा में एक लाख से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी पक्की, गारंटी विधेयक पर मुहर, मिलने वाली हैं 2 लाख जॉब
Haryana News: हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने 5 साल से ज्यादा समय से कार्यरत 120000 कच्चे कर्मचारियों की नौकरी को सेवानिवृति आयु तक सुरक्षित कर दिया है, जिससे कर्मचारियों में खुशी की लहर है.
Haryana Latest News: हरियाणा में कौशल रोजगार निगम के तहत लगे कर्मचारियों को नायब सिंह सैनी सरकार ने बड़ी सौगात दी है. सोमवार को हरियाणा विधानसभा में सरकार ने जॉब गारंटी विधेयक पारित करवा दिया है. सीएम सैनी ने इसे युवाओं के लिए ऐतिहासिक दिन बताया. विधेयक पास करवाने से पहले विधानसभा सत्र के दौरान बोलते हुए सीएम सैनी ने कहा कि हमने 120000 युवाओं से जो वादा किया था, वो पूरा हो रहा है. वादे के तहत तहत कच्चे कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा दे रह हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 हजार से अधिक मासिक आय वाले कर्मचारियों को भी बिल लाकर सेवा की सुरक्षा दी जाएगी. विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा के संबंध में भी चर्चा की जा रही है. जल्द ही इसके बारे में भी सकारात्मक परिणाम निकाला जाएगा.
#WATCH चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा में हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चितता) विधेयक, 2024 पारित हुआ। (18.11)
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 18, 2024 [/tw]
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, "हमने 1,20,000 युवाओं को जो आश्वासन दिया था कि हम उनको (उनकी नौकरी को) सुरक्षित करेंगे, आज विधानसभा में सभी सदस्य… pic.twitter.com/1H4nJaqjgb
‘युवाओं के करियर को नई दिशा दी’
सीएम सैनी ने कहा कि पहले ठेकेदारों के भरोसे युवाओं को 3 से 5 हजार रुपये मिला करते थे. लेकिन, एचकेआरएन ने युवाओं के कैरियर को नई दिशा दी. पीएम मोदी ने कहा था कि जहां अंधेरा है, वहां दीया जलाना कब मना है. तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन्हीं घर में दीये का प्रकाश भी दिया. उन्होंने कहा कि विपक्ष ने कहा सरकार में आने पर वो एचकेआरएन बंद कर देंगे, जनता ने उनको परिणाम दे दिया. दो लाख नौकरियां इनसे अलग हैं, वो भी हम बिना पर्ची-खर्ची के देंगे.
उन्होंने कहा कि ठेकेदारों के जरिए लगने पर युवाओं के भविष्य पर तलवार लटकी रहती थी. ठेकेदार बदलने पर उनके भविष्य पर भी खतरा पैदा हो जाता था. एचकेआरएन में 37404 यानि 28 प्रतिशत कर्मचारी अनुसूचित जाति के 41376 कर्मचारी यानि 32 प्रतिशत कर्मचारी पिछड़ा वर्ग से हैं. पहले चौकीदारों को सिर्फ 500 रुपये दिए जाते थे, हमारी सरकार ने उनकी स्थिति को सुधारा और उनको 14 हजार रुपये मिनिमम वेतन देना सुनिश्चित किया.
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