Haryana Politics: हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह दलाल ने सोमवार को आईएएनएस से बात करते हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में ईवीएम और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली को लेकर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के अनुसार सर्वे और पूरा माहौल कांग्रेस के पक्ष में था, लेकिन चुनाव परिणाम ने सबको हैरान कर दिया. कर्ण सिंह दलाल ने ईवीएम मशीनों और सरकार के अधिकारियों पर जनभावनाओं के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है.
कर्ण सिंह दलाल ने कहा कि ईवीएम एक कैलकुलेटर की तरह काम करती है, जिसका सही परिणाम कभी सामने नहीं आता. 5 अक्टूबर को मतदान के दिन जो वोट पड़े, उसकी जानकारी नहीं दी गई, बल्कि केवल प्रतिशत को अपडेट किया गया. 5 अक्टूबर को चुनाव के बाद 61.19 फीसदी वोट प्रतिशत था, लेकिन रात को 11:45 बजे अचानक यह प्रतिशत 65.65 फीसदी हो गया. कुल वोट प्रतिशत को 6.71 फीसदी बढ़ा दिया गया. यह चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी का स्पष्ट संकेत है.
'सिलेक्टेड एरिया में ईवीएम में गड़बड़ी की है'
उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उन्होंने कहा कि पार्टी ने ईवीएम और चुनाव आयोग के अधिकारियों पर दबाव डालकर चुनाव परिणामों को अपनी मर्जी के मुताबिक बदला. बीजेपी ने सिलेक्टेड एरिया में ईवीएम में गड़बड़ी की है और यह गड़बड़ी हरियाणा के 30 विधानसभा क्षेत्रों में हुई है. उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी को 39.94% वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के पक्ष में दिखाए गए आंकड़े पूरी तरह से सही नहीं हैं.
'लंबे समय तक बंद रहे सीसीटीवी कैमरे'
उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी को चुनाव आयोग द्वारा बताए गए आंकड़े से अधिक वोट मिले हैं, जो कि वास्तविकता से मेल नहीं खाते. कर्ण सिंह दलाल ने आगे कहा कि उनके हल्के समेत कई विधानसभा क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लंबे समय तक बंद रहे, जिससे चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं. इससे चुनाव की पारदर्शिता पर सवाल खड़े होते हैं.
'देश को बर्बादी से कोई नहीं बचा सकता'
कर्ण सिंह दलाल ने आगे कहा कि वह इस मामले को जनता के बीच लेकर जाएंगे और न्यायालय से भी उन्हें पूरी उम्मीद है. हम चुनाव आयोग के आंकड़ों का गहन निरीक्षण करने के बाद यह सब सामने लाए हैं, हम न्यायपालिका पर भरोसा रखते हैं. हम इस मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे और इस मामले को लोगों तक पहुंचाएंगे. हरियाणा में बीजेपी की सरकार जनादेश के खिलाफ है और यह लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ है. उन्होंने चुनाव के दौरान गड़बड़ी और अधिकारियों के दुरुपयोग का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर ऐसे फैसले होंगे तो देश को बर्बादी से कोई नहीं बचा सकता.
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