Haryana News: भारत सरकार के प्रवर्तन निदेशालय (ED) की नजर रियल स्टेट की दिग्गज कंपनी एमार इंडिया (Emaar India) पर पड़ गयी है. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गुरुवार को ईडी की टीम ने बड़ी कार्रवाई की. ईडी ने गुरुग्राम के सेक्टर 65 और 66 में 834 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की. सभी संपत्ति एमार इंडिया लिमिटेड और एमजीएफ डेवलपमेंट लिमिटेड की है.


जांच टीम को पता चला है कि एमार इंडिया लिमिटेड और एमजीएफ डेवलपमेंट लिमिटेड ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा और डीटीसीपी (DTCP) के साथ मिलकर सस्ते दामों पर जमीनें हथिया ली थी. इसकी वजह से लोगों के साथ सरकार को भी नुकसान हुआ था. एबीपी न्यूज की टीम ने आज गुरुग्राम पहुंचकर मामले की पड़ताल की. सेक्टर 62 में जमीदारों ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाये. उन्होंने बताया कि सरकार और डीटीसीपी की मिलीभगत से करोड़ों की जमीन को सस्ते दामों पर खरीदकर काफी नुकसान पहुंचाया गया.


गुरुग्राम में ईडी की कार्रवाई पर खुलकर बोले लोग


जमीदारों की माने तो साल 2009 में सरकार की तरफ से सेक्शन 4 लगाया गया. गुरुग्राम के सेक्टर 58 से लेकर सेक्टर 66 की जमीन को सरकार ने एक्वायर करने की मांग की. साल 2010 में सेक्शन 6 भी लगा दिया गया. दरसअल ये दोनों सेक्शन सरकार की तरफ से लगाए जाते हैं. सरकार की तरफ से बताया गया कि इलाके में डेवलपमेंट के लिए जमीन की जरुरत है. इतना ही नहीं एक एकड़ का दाम सरकार ने 50 से 60 लाख रुपये तय किया.


लोगों की माने तो इसके बाद बिल्डरों ने आना शुरू किया. उन्होंने एक एकड़ जमीन का भाव 2 करोड़ 20 लाख रुपये देने की बात कही. इतना ही नहीं साथ में कुछ संपत्ति भी दी जाएगी. लोगों की माने तो ये सब सरकार की मिलीभगत के चलते हुआ. लोगों ने सरकार की तरफ से कम दाम होने के कारण जमीन बिल्डरों को बेच दी. आरोप है कि इसके बाद सरकार ने सेक्शन 4 और 6 हटा लिया. दोनों सेक्शन हटने के बाद जमीन को अलग-अलग कंपनियों से ज्यादा दामों में बेच दिया गया. 


जमीदारों की माने तो ये सब तत्कालीन कांग्रेस सरकार, बिल्डरों और कंपनियों की मिलीभगत के कारण हुआ. उन्होंने कहा कि जमीन की कीमत ज्यादा थी. आरोप है कि जमींदारों से साइन करने की ऑथोरिटी भी छीन ली गयी और रातों रात जमीन सरकार के पास चली गई. जमीदार मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे. साल 2017 में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने पहली एफआईआर दर्ज की. एफआईआर में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत 18 को आरोपी बनाया गया. सीबीआई मामले की चार्जशीट फाइल कर चुकी है. अब ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामले की जांच कर रही है. गुरुवार को ईडी की टीम ने गुरुग्राम में 834.03 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली. 


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