Om Prakash Chautala Last Rites: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का शनिवार (21 दिसंबर) को सिरसा में स्थित उनके पैतृक गांव तेजा खेड़ा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. प्रमुख जाट नेता एवं हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रहे चौटाला का शुक्रवार को 89 वर्ष की आयु में गुरुग्राम में निधन हो गया था.


ओम प्रकाश चौटाला के अंतिम संस्कार में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता सुखबीर सिंह बादल और कई अन्य नेताओं ने शिरकत की. साथ ही तेजा खेड़ा गांव में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को श्रद्धांजलि दी.


ये नेता भी हुए शामिल
इनके अलावा हरियाणा के कई मंत्रियों, राज्य विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण, पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा, शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया, बीजेपी के मनप्रीत बादल और मनजिंदर सिंह सिरसा और कई अन्य नेताओं ने भी तेजा खेड़ा पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी.


इससे पहले, इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रमुख चौटाला का पार्थिव शरीर सिरसा में तेजा खेड़ा स्थित उनके परिवार के फार्महाउस में शनिवार को लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था. पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा गया था.


तेजा खेड़ा में जमा हुआ चौटाला परिवार
ओमप्रकाश चौटाला के छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला (इनेलो नेता) एवं बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला (जननायक जनता पार्टी प्रमुख) और पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सहित परिवार के अन्य सदस्य तेजा खेड़ा में मौजूद थे. पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अंतिम संस्कार किया गया.


कांग्रेस नेता भी हुए शामिल
कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला भी चौटाला को श्रद्धांजलि देने के लिए सुबह उनके फार्महाउस पहुंचे थे. अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए गांव से बड़ी संख्या में आम लोग भी एकत्रित हुए.


3 दिन का राजकीय शोक
हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया. इसके अलावा शनिवार को सभी कार्यालयों में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है.


5 दिन पहले हुई थी मेरी बात- उपराष्ट्रपति
पुष्पांजलि अर्पित करने के कुछ देर बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, "कल मुझे (उनके निधन की) खबर मिली. पांच दिन पहले मैंने चौधरी साहब से बात की थी और वह मेरे स्वास्थ्य के बारे में पूछ रहे थे. वह मेरे बारे में अधिक चिंतित थे. उन्होंने कहा कि जब भी मुझे मौका मिला, मुझे उनका आशीर्वाद मिला."


उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसानों के मुद्दे और गांवों का विकास चौटाला की प्राथमिकता में शामिल थे. उन्होंने कहा कि चौटाला एक मुखर और साहसी व्यक्ति थे और ग्रामीण व्यवस्था के प्रति समर्पित थे.


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