Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में बीजेपी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होने के बाद भूचाल मचा हुआ है. सोमवार को पूर्व मंत्री प्रो. छत्रपाल सिंह ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पार्टी में अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपना इस्तीफा भेज दिया. इसके बाद उन्होंने आम आम आदमी पार्टी में शामिल होने का फैसला लिया और AAP के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने उन्हें पार्टी की सदस्यता ग्रहण करवाई.


छत्रपाल सिंह के AAP में शामिल होने पर सुशील गुप्ता ने एक्स पर पोस्ट कर जानकारी देते हुए लिखा, "हरियाणा बीजेपी को एक और बड़ा झटका, पूर्व मंत्री प्रो. छत्रपाल सिंह बीजेपी छोड़ हरियाणा के सभी वर्गों के हितों के लिए काम करने वाली आम आदमी आदमी पार्टी में शामिल हुए. प्रो. छत्रपाल पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल को भी हरा चुके हैं और अपने जीवन में हमेशा से विद्यार्थियों और युवाओं के लिए लंबी लड़ाई लड़ते रहे हैं."



1991 में चौधरी देवीलाल को हराया था छत्रपाल सिंह ने
पूर्व मंत्री प्रो. छत्रपाल सिंह ने 1991 में घिराय हलका विधानसभा सीट से चौधरी देवीलाल को चुनाव हराया था. छत्रपाल सिंह इसी हल्के से दो बार विधायक चुने गए थे. 2005 में इस हलके में अंतिम बार चुनाव हुआ था. इस चुनाव में छत्रपाल सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार जोगीराम सिहाग को मात दी थी. इसके बाद छत्रपाल सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. वे भजनलाल सरकार में मंत्री बने थे. 


2014 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले छत्रपाल सिंह बीजेपी में शामिल हुए थे. लेकिन, अब उन्होंने पार्टी पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि वे बीजेपी में इसलिए शामिल हुए थे कि उन्हें पूरा मान-सम्मान मिलेगा. पार्टी की तरफ से उन्हें क्षेत्र की जनता का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा, लेकिन बीजेपी ने उन्हें हर बार नजरअंदाज किया. इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया.


फिरोजपुर झिरका से निर्दलीय पार्षद भी AAP में शामिल
वहीं फिरोजपुर झिरका विधानसभा से निर्दलीय पार्षद भी सोमवार को आम आदमी पार्टी में शामिल हो गई है. AAP के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "फिरोजपुर झिरका विधानसभा क्षेत्र की युवा पार्षद और मेवात को विकसित बनाने का प्रण लेने वाली नेहा अपने पति के साथ आम आदमी पार्टी परिवार का हिस्सा बनी. नेहा की मेहनत और शिद्दत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पार्षद के चुनाव में 7 दावेदार होने के बावजूद निर्दलीय चुनाव लड़कर कुल 19,000 वोटों में से 13,000 वोट हासिल कर पार्षद बनी थी. युवा साथियों के ऐसे ही मजबूत हौसलों से हम हरियाणा के हाल जरूर बदलेंगे.


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