Stubble Burning: ‘पराली जलाना किसानों की…’, किसान नेता लखविंदर औलाख ने सरकार से की ये मांग
Haryana Stubble Burning: हरियाणा के कई शहरों में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. इस बीच किसान नेता लखविंदर औलाख ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पराली जलाना किसानों की मजबूरी है.
Haryana Stubble Burning News: हरियाणा सरकार की सख्ती के बावजूद प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं पर पूरी तरह लगाम नहीं लग पाई है. गुरुवार को सिरसा जिले के फरवाई कलां गांव के एक खेत में पराली जलाने की घटना देखी गई. वहीं पराली जलाने की घटनाओं को लेकर किसान नेता लखविंदर औलाख की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि पराली जलाना किसान की मजबूरी होती है.
औलाख ने आगे कहा कि जिस किसान के पास से एक एकड़ से लेकर पांच एकड़ तक जमीन है, उनके पास ट्रैक्टर या अन्य साधन छोटा है, जो 35-40 हाउस पावर का है. छोटे किसानों के पास जरूरी मशीनें नहीं हैं और किसानों को मंडियों में धान बेचने के लिए 5-7 दिन तक इंतजार करना पड़ता है. इसकी वजह से पराली जलाना किसान की मजबूरी बन गया है.
उन्होंने कहा कि एनजीटी ने भी स्पष्ट कर दिया है कि पराली की धुएं से प्रदूषण सिर्फ 6 प्रतिशत है, जबकि 94 प्रतिशत धुआं औद्योगिक और गाड़ियों के हैं.
#WATCH |हरियाणा: किसान नेता लखविंदर औलाख ने कहा, "पराली जलाना किसान की मजबूरी होती है। छोटे किसानों के पास जरूरी मशीनें नहीं हैं और किसानों को मंडियों में धान बेचने के लिए 5-7 दिन तक इंतजार करना पड़ता है...सरकार को किसानों को अच्छी सुविधाएं और उपकरण मुहैया कराने की जरूरत है..."… https://t.co/re2M4NZCd6 pic.twitter.com/Zxm2aoVtZ6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 1, 2024 [/tw]
‘किसानों को साधन मुहैया कराने पड़ेंगे’
किसान नेता ने कहा कि हम सरकार को कहना चाहते हैं कि जब किसान पराली को आग लगाता है तो सबसे पहले धुएं की चपेट में आग लगाने वाला आता है, ऐसे में उसकी कितनी बड़ी मजबूरी होगी कि उसको खेत में पराली को जलाना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि अगर पराली जलाने से रोकना है तो जो लॉलीपोप एक हजार प्रति एकड़ का दिया है, उसको छोड़कर किसानों को साधन मुहैया कराने पड़ेंगे. गांव-गांव में सरकार को वो साधन छोड़ने पड़ेंगे, जिससे छोटे किसान इनका उपयोग कर सके, क्योंकि समय बहुत कम है. गेहूं की बिजाई 15 नवंबर से पहले-पहले करनी है. किसान की मजबूरी है वरना उनका मन भी नहीं करता कि अपने बच्चों को धुएं में रखे.
बता दें कि हरियाणा में दिवाली की आतिशबाजी की वजह से प्रदूषण का स्तर कई शहरों में 500 पार कर गया है, जिससे बीमारियां होने का खतरा हो गया है.
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