Haryana News: हरियाणा बीजेपी के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा से अलग हो गये हैं. उन्होंने संरक्षक पद से रविवार को इस्तीफा देने का ऐलान किया. कुलदीप बिश्नोई ने संरक्षक के पद से त्यागपत्र देने का कारण निजी बताया है. उन्होंने सामाजिक सेवा में 24 घंटे रहने की घोषणा की. कुलदीप बिश्नोई ने इस्तीफ मुकाम पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद को भेज दिया है. उन्होंने सभी साधु संतों और समाज के लोगों का आभार जताया.
पिता की मौत के बाद कुलदीप बिश्नोई 12 वर्षों तक संरक्षक पद रहे. उन्होंने कहा, "मैंने ईमानदारी से अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक पद का दायित्व संभाला. निजी कारणों की वजह से अब मैं अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा छोड़ रहा हूं. बिश्नोई महासभा के संरक्षण प्रधान देवेंद्र बूड़िया से कुलदीप बिश्नोई का पिछले दिनों विवाद हुआ था. विवाद के बाद परसराम बिश्नोई नए प्रधान बनाए गये थे. कुलदीप बिश्नोई के पत्र जारी करने पर देवेंद्र बूड़िया ने कहा था कि संरक्षक को प्रधान को हटाने की अब शक्ति खत्म हो गई है.
कुलदीप बिश्नोई पर लगे थे ये आरोप
इसलिए पत्र का अब कोई मतलब नहीं रह गया है. देवेंद्र बूड़िया और कुलदीप बिश्नोई के बीच विवाद लंबा चला. कुलदीप बिश्नोई पर देवेंद्र बूड़िया ने बेटे के लिए 10 करोड़ का चंदा जुटाने और विधायक रणधीर पनिहार से अपहरण करवाने का भी आरोप लगाया था. विवाद बढ़ने के बाद दोनों ने एक दूसरे को पद से हटाने का ऐलान किया. पद से हटाने की जानकारी सोशल मीडिया के जरिये साझा की गयी. देवेंद्र बूड़िया ने कुलदीप बिश्नोई को अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में संरक्षक पद से हटा दिया. पत्र में बिश्नोई के छोटे बेटे की शादी का हवाला दिया गया. कहा गया कि शादी से बिश्नोई समाज के अंदर गहरी नाराजगी है. देवेंद्र बूड़िया ने कहा कि कुलदीप बिश्नोई को पद पर बने रहना अुचित होगा.
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