Haryana News: हरियाणा में पराली जलाने वाले किसानों पर एफआईआर (FIR) कराए जाने का आदेश जारी किया गया है. इस पर कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा (Kumari Selja) ने कड़ा रुख इख्तियार किया है. सैलजा ने कहा कि बीजेपी सरकार का नया आदेश हरियाणा के किसानों पर एक और हमला है. पराली जलाने पर एफआईआर के साथ रेड एंट्री कर किसानों को अगले दो सीजन तक एएसपी पर फसल बेचने से रोकना ना केवल तानाशाही है बल्कि छोटे किसानों की रोजी रोटी पर सीधा प्रहार है. 


सैलजा ने सरकारी आदेश की कॉपी 'एक्स' पर शेयर कर लिखा है, ''सरकार ने महंगी 'हैप्पी सीडर' मशीन खरीदने का सुझाव दिया है, पर क्या आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसान इसे खरीद सकते हैं? किसानों को दंडित करने के बजाय सरकार को समाधान देना चाहिए.''






सरकारी आदेश में कही गई है यह बात


सैलजा ने कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग के आदेश की कॉपी सोशल मीडिया पर शेयर की है जिसमें लिखा गया है कि राज्य सरकार द्वारा धान की पराली जलाने पर नियंत्रण लाने के लिए आरोपी किसानों पर एफआईआर कराने और फार्म रिकॉर्ड्स में रेड मार्क की एंट्री का फैसला किया गया है. 


इसमें बताया गया है कि सीएक्यूएम के निर्देशों के अनुसार जो किसान धान की पराली जला रहे हैं उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. संबंधित अधिनियम के तहत केस चलाया जाना चाहिए. वहीं, रेड मार्क एंट्री को लेकर कहा गया है कि धान की पराली जलाने वाले किसानों के एमएफएमबी रिकॉर्ड में रेड एंट्री होनी चाहिए. यह किसानों को ई-खरीद पोर्टल के जरिए मंडियों में अगले दो सीजन तक अनाज बेचने से रोकेगा. यह एंट्री अनिवार्य है और कृषि संबंधी सभी प्रकार की आगजनी में यह लागू किया जाना चाहिए. 






क्या पिछले दरवाजे से MSP को  खत्म किया जा रहा - सुरजेवाला


उधर, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, ''हरियाणा सरकार के गठन के पहले ही दिन बीजेपी सरकार ने किसानों की एमएसपी खत्म करने का आदेश जारी कर दिया. एक तरफ किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी जबकि दूसरी तरफ किसान अगले दो साल तक एमएसपी पर फसल नहीं बेच पाएंगे.''


उन्होंने आगे कहा, '' नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार का यह सीधा षडयंत्र है. क्योंकि किसानों ने हरियाणा में बीजेपी को वोट नहीं दिया.  क्या यह पीछे के दरवाजे से एमएसपी को खत्म करने की साजिश नहीं है? नायब सिंह सैनी बताएंगे कि हरियाणा में कितने किसानों को हैप्पी सीडर मशीन उपलब्ध कराई गई है. 50 प्रतिशत की सब्सिडी देने के बाद भी हैपी सीडर मशीन की लागत 74 हजार रुपये है.''


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